नई दिल्ली । भारतीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को सदन में साफ कर दिया कि वह चीन की किसी भी साजिश से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम सीमा पर हर स्थिति से निपटने के लिए क्षेत्र में पूर्ण रूप से सक्षम हैं। इस सब के बाद अब सेना ने उत्तराखंड समेत सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश की 1400 किलोमीटर लंबी सीमा पर अपने सुरक्षा बलों की संख्या में इजाफा कर दिया है। साथ ही करीब 45 हजार जवानों को सीमा पर हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है। भारत डोकलाम विवाद को लेकर अपने रुख पर कायम है, जबकि चीन हर दिन एक नई धमकी के साथ भारत को पीछे हटने की चेतावनी देता रहता है।
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धमकियों के बीच उठाया अहम कदम
बता दें कि डोकलाम विवाद के बीच भारत ने एक बार फिर अपना रणनीतिक कदम उठाते हुए चीन से सटे सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा समेत उत्तराखंड में सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। पिछले दिनों चीन की ओर से जारी धमकियों और चेतावनियों के बीच भारतीय फौज के इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है।
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चौकसी का स्तर भी बढ़ाया
इतना ही नहीं भारतीय फौज ने सिक्किम से लेकर अरुणाचल तक के 1400 किमी लंबी सीमा की चौकसी और उत्तराखंड में चीन से लगे बॉर्डर पर चौकसी का स्तर भी बढ़ा दिया है। डोकलाम पर चीन का उग्र रुख देखते हुए भारत ने पूरे मामले की समीक्षा की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सेना की सुकना बेस 33 कॉर्प के अलावा अरुणाचल और असम में स्थित 3 और 4 कॉर्प बेस को संवेदनशील भारत-चीन सीमा की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।
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45 हजार जवान तैयार
वहीं जानकारों का कहना है कि इस समय भारतीय सीमा पर जारी तनाव के मद्देनजर 45 हजार जवानों को हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है। हालांकि डोकलाम में सेना की ओर से जवानों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है, वहां अभी भी 350 जवान इलाके में मौजूद हैं।
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डोकलाम विवाद से रिश्तों में दरार बढ़ी
बता दें कि चीन डोकलाम इलाके में सड़क बना रहा है, जिसका भारत ने पुरजोर विरोध किया है। भारत ने कहा कि शर्तों के मुताबिक इस क्षेत्र में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता, जिसमें भारत-चीन-भुटान कुछ शर्तों से बंधे हुए हैं। बावजूद इसके चीन इस क्षेत्र में निर्माण कार्य को लेकर आक्रमक हो रहा है। भारत द्वारा इस इलाके में अपने 350 जवानों को तैनात कर चुका है, जिन्हें पीछे हटाने के लिए चीन ने हर संभव प्रयास कर लिए हैं। अब वह बार-बार युद्ध की चेतावनी दे रहा है। ऐसे में भारत सरकार ने भी चीन को लेकर सख्त रुख अख्तियार करते हुए हर स्थिति से निपटने के लिए सक्षम होने की बात कही है। हालांकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हाल ही में बयान दिया था कि दोनों पक्षों में बातचीत सेना हटाने के बाद ही संभव है। उन्होंने सीमा पर गतिरोध को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने की बात भी कही थी।
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