नई दिल्लीः पाकिस्तान और चीन की नापाक हरकतों पर नियंत्रण रखने के लिए अब इंडियन आर्मी अपनी खुद की छोटी एयरफोर्स बनाने पर विचार कर रही है। एक अखबार की खबर के अनुसार, आर्मी अपने बेड़े में अमेरिका के आलराउंडर हेलीकॉप्टर अपाचे को रखना चाहती है। अपाचे एक ऐसा हेलीकॉप्टर है, जोकि किसी भी मौसम में और किसी भी तरह की परिस्थिति में उड़ान भर सकता है। अखबार के मुताबिक आर्मी ने एक प्रपोजल तैयार किया औऱ वह अमेरिका से 39 अपाचे खरीदना चाहती है। इस मामले में आर्मी जल्द ही रक्षा मंत्री अरुण जेटली से बात करेगी।
12000 करोड़ तक का खर्च
एक अंग्रेजी अखबार ने आर्मी के हाई लेवल सोर्सेज के हवाले से कहा है कि चीन और पाकिस्तान सीमा पर अपनी ताकत और फायर पावर बढ़ाने के लिए आर्मी को इन हेलीकॉप्टर की जरूरत है। सोर्सेज के मुताबिक, अपाचे हेलीकॉप्टर की 39 यूनिट की खरीददारी का कुल खर्चा लगभग 12 हजार करोड़ रुपये तक आ सकता है। दूसरी तरफ, एयरफोर्स ने हाल ही में 22 हेलीकॉप्टर की खरीदारी का कॉन्ट्रेक्ट तैयार कर लिया है। अब इन हेलीकॉप्टर का कंट्रोल किसके पास हो, इसे लेकर एयरफोर्स और आर्मी के बीच खींचतान जारी है।
बनाई जाएंगी 3 खास स्क्वाड्रन
आर्मी सोर्सेज के मुताबिक, अपाचे हेलीकॉप्टर्स को 10-10 की 3 स्क्वॉड्रन में बांटा जाएगा। इन्हें पाकिस्तान और चीन के बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा। इन हेलीकॉप्टर्स को दुनिया का सबसे घातक हेलीकॉप्टर बताया जाता है। ये सभी मौसम में दिन रात काम कर सकते हैं और इन्हें स्टील्थ हेलीकॉप्टर कहा जाता है। सबसे खास बात यह है कि दुश्मन देश की सीमा के अंदर उड़ने के दौरान भी इन्हें देखा नहीं जा सकेगा। इन हेलीकॉप्टरों में लेजर और इन्फ्रारेड सिस्टम्स के अलावा हेलफायर मिसाइल लगे होते हैं।
आर्मी खुद के फ्लाइंग आफिसर चाहती है
आर्मी के सोर्सेज का मानना है कि युद्ध के दौरान अगर आर्मी के पास अपने फ्लाइंग आफिसर होंगे, तो वह उसके लिए ज्यादा बेहतर रहेगा। दरअसल आर्मी के आफिसर जमीन में होने वाले युद्ध को ज्यादा बेहतर तरीके से समझते हैं। वहीं, एक आर्मी आफिसर के मुताबिक, एयरफोर्स इन हेलीकॉप्टरों को सेना के साथ शेयर नहीं करना चाहती हैं। उसने इस संबंध में आर्मी के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया है।