नई दिल्ली । देश की अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहे खतरे की भनक लगने के साथ ही बड़ी कंपनियों ने एक बार फिर से अपने खर्चों में कटौती शुरू करना शुरू कर दिया है । इसी क्रम में देश के ऑटो सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) ने अपने 3,000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है । कंपनी ने अपने एक बयान में इस बात की जानकारी दी है । मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कंपनी के इस फैसले पर कहा - ऑटो इंडस्ट्री में नरमी को देखते हुए अस्थायी कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू नहीं किया गया है। हालांकि मारुति सुजुकी में काम कर रहे स्थायी कर्मचारियों पर इसका असर नहीं होगा ।
सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के मुताबिक देश में सभी तरह के व्हीकल्स की सेल में भारी कमी आई है। पिछले साल जुलाई की तुलना में इस साल जुलाई में कारों की बिक्री 35.95 फीसदी गिरी है । इसके बाद आशंका जताई जा रही है कि ऑटो सेक्टर में आने वाले समय में करीब 10 लाख नौकरियों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं ।
विदित हो कि मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने निजी टीवी चैनलों से बातचीत में कहा कि यह बिजनेस का हिस्सा है, जब मांग बढ़ती है तो कॉन्ट्रैक्ट पर ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है । वहीं, जब मांग घटती है तो उनकी संख्या कम की जाती है । भार्गव ने दोहराया कि वाहन क्षेत्र अर्थव्यवस्था में बिक्री , सेवा , बीमा , लाइसेंस , वित्तपोषण , चालक , पेट्रोल पंप , परिवहन से जुड़ी नौकरियां सृजित करता है । उन्होंने चेताया कि वाहन बिक्री में थोड़ी सी गिरावट से नौकरियों पर बड़े पैमाने पर असर पड़ेगा ।
विदित हो कि इस साल ऑटो सेक्टर में भारी गिरावट दर्ज की गई है । पिछले 19 सालों में यह सबसे बड़ी गिरावट है । इस तरह की गिरावट अब से पहले 2008-09 और 2013-14 के आसपास देखी गई थी । वहीं कमर्शियल गाड़ियों की बिक्री 37.48 फीसदी घटी है । सभी तरह के यात्री वाहनों की बिक्री 30.98 फीसदी घटी है जबकि दोपहिया वाहनों की बिक्री 16.82 % घटी है।