नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने बहुप्रतिक्षित बाबरी मस्जिद मामले में बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी समेत 10 नेताओं पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि दो साल के भीतर रुटीन बेसिस पर इस मामले की सुनवाई लखनऊ कोर्ट में ही हो। आडवाणी के साथ केंद्रीय मंत्री उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी समेत कई दिग्गज नेताओं पर अब इस मामले में मुकदमा चलाने की सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दी है। इस दौरान कोर्ट ने दो अलग अलग मामलों की साझा सुनवाई किए जाने के भी आदेश दिए। इन सभी लोगों पर धारा 120 बी के तहत मामला चलाया जाएगा।
बता दें कि न्यायाधीश पीसी घोष और न्यायाधीश रोहिंटन नरीमन की संयुक्त पीठ ने बाबरी ढांचा मामले में सीबीआई की एक अपील पर बुधवार को अपना फैसला सुनाया। असल में बाबरी ढांचा ढहाए जाने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत भाजपा और विहिप के 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश रचने (120बी) का मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि रायबरेली की निचली अदालत ने इस मामले में इन सभी पर से ये आरोप हटाने का आदेश दिया था। बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था।
इसके बाद एक पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार अपना यह फैसला सुनाया है कि इस मामले में आडवाणी समेत सभी 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। हालांकि कोर्ट ने मामले में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह राहत दी है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि इन सभी लोगों पर 120 बी के तहत मुकदमा दायर किया जाए। लखनऊ कोर्ट में इस मामले की रोजाना सुनवाई हो। कोर्ट ने इस दौरान कहा कि इस मामले को दो साल के भीतर खत्म किया जाए।