Sunday, April 28, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

कर्नाटक में भाजपा की हो गई बल्ले-बल्ले, जेडीएस का ‘सपना’ रह गया धरा का धरा

अंग्वाल न्यूज डेस्क
कर्नाटक में भाजपा की हो गई बल्ले-बल्ले, जेडीएस का ‘सपना’ रह गया धरा का धरा

नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव में भाजपा की बल्ले-बल्ले हो गई है। रुझानों के अनुसार भाजपा को 115 सीटों पर बढ़त हासिल हो गई है। जेडीएस को किंगमेकर के तौर पर देखा जा रहा था उसका सपना धरा का धरा नजर आ रहा है। शुरुआती रुझानों में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता दखिाई दे रहा है। मंगलवार की सुबह से शुरू हुई वोटों की गिनती में भाजपा को लगातार बढ़त हासिल हो रही है। भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा शिकारीपुरा सीट से आगे चल रहे हैं वहीं कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सिद्धारमैया अपनी दोनांे ही सीटों से पीछे चल रहे हैं। 

गौरतलब है कि मतदान से पहले दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही थी। वहीं जेडीएस का सहयोग लेकर सरकार बनाने के प्लान-बी पर भी काम चल रहा था क्योंकि एग्जिट पोल त्रिशंकु विधानसभा का इशारा कर रहे थे ऐसे में जेडीएस के नेता कुमारास्वामी की भूमिका काफी अहम मानी जा रही थी। 


ये भी पढ़ें - नवजोत सिंह सिद्धू को मिलेगी जेल या राहत, 30 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट आज करेगा फैसला

आपको बता दें कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने चुनाव में दलित कार्ड भी खेल दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोई दलित चेहरा सामने आता है तो वे कुर्सी छोड़ने के लिए भी तैयार हैं। हालांकि रुझान के अनुसार यह खेल भी काम करता हुआ नजर नहीं आ रहा है। यहां गौर करने वाली बात है कि भाजपा ने प्रचार में शुरू से ही जेडीएस के प्रति नरम रवैया अपनाया है इससे इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बहुमत नहीं आने की स्थिति में भाजपा जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बना सकती है लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए जेडीएस का सपना साकार होता दिखाई नहीं दे रहा है।  

Todays Beets: