नई दिल्ली। देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोशिशों में रेलवे ने भी अपना योगदान देना शुरू कर दिया है। रेलवे ने भीम और यूपीआई एप के जरिए टिकट बुक कराने वालों के लिए एक नई योजना बनाई है। अब 1 दिसंबर से 31 मार्च तक इन एप के जरिए टिकट बुक कराने वालों के लिए लकी ड्राॅ निकाला जाएगा और 5 यात्रियों को उसके टिकट का पूरा पैसा वापस किया जाएगा।
रेलवे देगा पैसा वापस
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की तरफ से नोटबंदी की घोषणा के बाद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए भीम और यूपीआई जैसे एप की शुरुआत की गई थी। अब रेलवे की तरफ से डिजिटल भुगतान को और बढ़ावा देने के लिए रेलवे की तरफ से नई स्कीम शुरू की गई है। रेलवे ने यात्रियों को भीम और यूपीआई एप के जरिए टिकट बुक कराने की सुविधा दे रही है और इसके लिए यात्रियों को कोई अतिरिक्त पैसा नहीं देना होगा। हर महीने इन एप के जरिए टिकट बुक कराने वालों का लकी ड्राॅ निकाला जाएगा और उनमें से 5 विजेताओं के नाम रेलवे की वेबसाइट पर दिखाया जाएगा और उनके टिकट का पूरा पैसा वापस किया जाएगा।
आपको बता दें कि रेलवे की इस स्कीम का फायदा ग्राहक 1 दिसंबर से 31 मार्च तक उठा पाएंगे। इस स्कीम का फायदा वे लोग नहीं उठा सकेंगे जो एप के जरिए टिकट बुक कराकर उसे कैंसिल कर देते हैं। बता दें की रेलवे ने 1 दिसंबर से ही भीम एप और यूपीआई के जरिए पेमेंट स्वीकार करने शुरू किए हैं। इसके लिए यात्रियों को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।
ये भी पढ़ें - अयोध्या मामले में अड़ंगा न डालें, जामा मस्जिद भी जमुना देवी का मंदिर था, ...फिर हम उनपर डेरा ...
ऑनलाइन 60 प्रतिशत टिकट होते हैं बुक
यहां गौर करने वाली बात है कि वर्तमान समय में 60 फीसद से ज्यादा लोग कैशलेस तरीके से टिकट बुक करते हैं। भारतीय रेलवे इसे और आगे बढ़ाना चाह रहा है। रेलवे का 90 प्रतिशत यात्रियों को कैशलेस बनाना रेलवे का टारगेट है। यही वजह है कि रेलवे ने भीम और यूपीआई एप से टिकट बुक करने वाले यात्रियों को मुफ्त में यात्रा करने का ऑफर पेश किया है।
ये हैं मुख्य बातें
-भीम एप अन्य यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) एप्लीकेशन और बैंक अकाउंट्स के साथ काम करता है। एक वर्ष से कम समय के भीतर भीम एप के जरिए होने वाले लेन-देन की संख्या 2.8 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है।
-रेलवे काउंटर पर ट्रेन टिकट बुक करने की सुविधा भीम एप पर 1 दिसंबर, 2017 से लागू कर दी गई है।
-रेलवे के मुताबिक यह सुविधा यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) काउंटरों से आरक्षित टिकटों की बुकिंग के लिए और अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम (यूटीएस) काउंटरों से सीजनल टिकट (मासिकध्त्रैमासिक) के लिए उपलब्ध होगी।
-यात्रियों को इस नई ट्रेन टिकट बुकिंग सुविधा के लिए अगले तीन महीने की अवधि तक कोई ट्रांजेक्शन चार्ज (लेनदेन शुल्क) नहीं देना होगा।
-यात्रियों को रेलवे काउंटर पर अपना यात्रा विवरण साझा करते ही भुगतान करने के लिए किराए की जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
-अगर कोई ग्राहक यूपीआई/भीम एप के माध्यम से भुगतान करने का विकल्प चुनता है, तो काउंटर पर बैठा व्यक्ति यूपीआई के जरिए ही भुगतान स्वीकार करेगा।
-टर्मिनल में लेन-देन की शुरुआत करने के लिए रेलवे काउंटर पर बैठा व्यक्ति वर्चुअल पेमेंट एट्रेस (वीपीए) सिस्टम में एंटर करेगा।
-यात्रियों को भुगतान की पुष्टि करने के लिए मोबाइल पर भुगतान अनुरोध प्राप्त होगा। यात्री की ओर से भुगतान अनुरोध को स्वीकार करना जरूरी होगा और यात्री के लिंक्ड खाते से किराए की राशि काट ली जाएगी।
-लेनदेन सफल होने और सिस्टम पर सत्यापित होने के बाद, काउंटर पर बैठा व्यक्ति टिकट प्रिंट करेगा और उसे यात्री को सौंप देगा।
-डिजिटल/कैशलेस लेनदेन को प्रोत्साहित करने की सरकार की पहल को बढ़ावा देने के अलावा रेलवे काउंटर पर ये नई भुगतान प्रणाली रेलवे सेवाओं का लाभ लेने वाले ग्राहकों को अतिरिक्त भुगतान का विकल्प भी उपलब्ध करवाएगी।
-भीम एप का इस्तेमाल करना आसान है और रियल टाइम के आधार पर यह कई बैंकों के माध्यम से भुगतान करने में सक्षम है।