लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप मामले में कई दिनों से चल रहे घटनाक्रम में सीबीआई ने शुक्रवार की सुबह करीब 4 बजे आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उसके इंदिरानगर आवास से गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। बता दें कि विधायक पर पाॅक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। सीबीआई ने देर रात से ही आरोपी विधायक के खिलाफ दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी थी। गौर करने वाली बात है कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
गौरतलब है कि गिरफ्तारी के लिए विधायक तक पहुंचने से पहले सीबीआई की टीम को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। सरकारी आवास पर और अन्य ठिकानों पर दबिश देने के बाद भी जब वह नहीं मिला तो उसके गनर की निशानदेही के बाद विधायक को उसके पैतृक निवास से गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई एसपी राघवेंद्र वत्स ने यूपी पुलिस से संबंधित कागजात ले लिए हैं।
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यहां बता दें कि इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में पूरी कर ली गई है और फैसला शुक्रवार की दोपहर को सुनाया जाएगा। हाईकोर्ट ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा था कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ ने कहा कि पीड़िता ने 17 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई थी कि 4 जून को विधायक और 3 लोगों ने उसके साथ रेप किया लेकिन उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। एसआईटी रिपोर्ट के बाद विधायक पर प्राथमिकी दर्ज हुई। इससे पहले पीड़िता ने बहुत कुछ खो दिया। उसने खुद आत्मदाह की कोशिश की, उसके पिता की हत्या हो गई। पुलिस क्या करती रही? जबकि एसआईटी रिपोर्ट में है कि पहली नजर में पीड़िता के आरोप विश्वसनीय हैं।
गौर करने वाली बात है कि बलात्कार का आरोप लगने के बाद भी पुलिस द्वारा कुलदीप सिंह को गिरफ्तार नहीं करने से उसकी भूमिका पर सवाल उठने लगे थे। इस पर सफाई देते हुए डीजीपी ने कहा कि अब तक तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की गई है। आगे भी इसी आधार पर की जाएगी। सरकार किसी को बचाने का प्रयास नहीं कर रही है। एसआईटी ने जिन पुलिस अफसरों को दोषी बताया, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।