Sunday, May 5, 2024

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चारा घोटाले में फंसे एक और दिग्गज, सीबीआई कोर्ट ने सुनाई 5 सालों की सश्रम कारावास की सजा

अंग्वाल न्यूज डेस्क
चारा घोटाले में फंसे एक और दिग्गज, सीबीआई कोर्ट ने सुनाई 5 सालों की सश्रम कारावास की सजा

रांची। बिहार में हुए बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में सीबीआई कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती को 5 सालों की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उनपर 4 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना की रकम जमा नहीं करने पर उन्हें 1 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ सकती है। बता दें कि इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और लालू प्रसाद को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है। 

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दोबारा सुनवाई

गौरतलब है कि चारा घोटाले में चाईबासा कोषागार से करीब 37 करोड़ का अवैध तरीके से निकाल लिए गए थे। इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र को पहले ही सजा सुनाई गई थी। जिस समय यह निकासी की गई उस समय सजल चक्रवर्ती चाईबासा के उपायुक्त थे। उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले की दोबारा सुनवाई की गई और सजल चक्रवर्ती को दोषी पाते हुए कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई है और साथ में 4 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर वह जुर्माने की रकम नहीं चुकाते हैं तो उन्हें 1 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पडे़गी।  

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दो मुख्यमंत्रियों को पहले हुई सजा

आपको बता दें कि चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से पैसों की निकासी मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शंभू लाल साहू ने 14 को सजल को दोषी ठहराया था। बता दें कि इस मामले में पूरक अभिलेख पर सुनवाई की जा रही थी जिसमें सजल चक्रवर्ती अकेले आरोपी हैं क्योंकि इस मामले में  आरोपी लालू प्रसाद और डॉ जगन्नाथ मिश्र सहित अन्य आरोपियों को वर्ष 2013 में ही सजा सुनाई जा चुकी है।

लोक सेवक घोटाले में लिप्त

यहां बता दें कि सजल चक्रवर्ती के वकील उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कम से कम सजा दिलवाने की अपील कर रहे थे जबकि सीबीआई की तरफ से कठोर से कठोर सजा देने की वकालत की गई। सीबीआई का कहना है कि लोक सेवक होने के बावजूद वे बड़े घोटाले को अंजाम देने में लिप्त रहे। ऐसा कहा जा रहा है कि सजल चक्रवर्ती पर कोषागार से अवैध निकासी का नजरअंदाज करने आपूर्तिकर्ता से लैपटॉप लेने का आरोप था। इसके साथ ही उन पर धोखाधड़ी करने, सरकारी राशि गबन करने, जाली कागजात का इस्तेमाल करने व उसे व्यवहार में लाने, आपराधिक षड्यंत्र करने के मामले में सजल चक्रवर्ती को अदालत ने दोषी ठहराया है। सरकारी पद का दुरुपयोग करने व दूसरे से लाभ लेने के आरोप को भी न्यायालय ने सही पाया है। 

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