नई दिल्ली । सीबीआई ने मांस निर्यातक मोईन कुरैशी समेत अपनी ही संस्था के पूर्व निदेशक एपी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एपी सिंह पर आरोप है कि उनके निदेशक कार्यकाल के दौरान कुरैशी उनका नाम लेकर व्यावसायिक संस्थाओं समेत अन्य लोगों पर लगे भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में सहयोग व खुफिया एजेंसी की जांच को प्रभावित करने का आश्वासन देता था। इस काम में एपी सिंह का कुरैशी को समर्थन मिलता था। इन्हीं आरोपों के चलते दोनों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में एजेंसी ने एपी सिंह और मोईन कुरैशी समेत अन्य आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की ।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोईन कुरैशी और एपी सिंह के बीच साठगांठ के साक्ष्य तौर पर ब्लैकबेरी मैसेज दिया था । ईडी को मोईन और एपी सिंह के साथ बातचीत के 25 मैसेज मिले । इनमें से तीन मैसेज उस समय के हैं जब एपी सिंह निदेशक के पद पर मौजूद थे । इन्ही साक्ष्य के आधार पर सीबीआई को आशंका है कि एपी सिंह इसमें शामिल हो सकते हैं । मामले की जांच की जा रही है ।
सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार ईडी ने करीब दो महीने पहले कुरैशी के साथ अफसरों की मिलीभगत के जांच के लिए कहा था । इन अफसरों में रंजीत सिन्हा और एपी सिंह का नाम शामिल था । मोईन कुरैशी , एपी सिंह और हैदराबाद के उद्योगपति प्रदीप कोनेरू समेत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकता दर्ज की गई है । एफआईआर में फिलहाल रंजीत सिन्हा का नाम शामिल नहीं है । इसकी जांच की जा रही है ।
ब्लैकबेरी मैसेज में मिले साक्ष्य में मोईन कुरैशी एपी सिंह से बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर की मदद करने के लिए कह रहे थे, और एपी सिंह ने बाकायदा उस मैसेज का जवाब भी दिया था । सबूत की तलाश में सीबीआई की टीम ने कई बड़े शहरों के ठिकानों पर छापेमारी की । जिसमें एपी सिंह के ठिकाने भी शामिल हैं ।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिंहा के खिलाफ जांच के आदेश दे चुका है । सिन्हा पर कोयला घोटाले के आरोपियों से मिलीभगत का आरोप है । हालांकि एपी सिंह से जुड़ा यह मामला सीबीआई के लिए पहला ऐसा मामला होगा जब जांच एजेंसी अपने ही निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर छापेमारी कर रही है।