नई दिल्ली । पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम पर कानूनी शिकंजा कस गया है । INX मीडिया केस के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका रद्द करने के बाद से चिदंबरम अंडरग्राउंड हो गए हैं। उनका फोन भी बंद आ रहा है । जांच एजेंसियां उन्हें खोज रही हैं। इस सब के बीच आशंका जताई गई है कि वह विदेश भाग सकते हैं, जिसके चलते उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है । वहीं पी. चिदंबरम की जमानत के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल राहत देने से मना करते हुए मामला सीजेआई को भेज दिया है , जिसके बाद अब यह मामला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के सामने है । लेकिन वह अभी अयोध्या मसले को सुन रहे हैं, ऐसे में चीफ जस्टिस अब लंच के समय ही इस मसले को सुनेंगे और चिदंबरम की अग्रिम जमानत को लेकर कोई फैसला लेंगे ।
कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
विदित हो कि चिदंबरम के विदेश भागने की आशंका के बीच ईडी ने उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी हो चुका है । सुप्रीम कोर्ट से पी. चिदंबरम को तुरंत गिरफ्तारी पर राहत मिलने से झटका लगा है । चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी होने का मतलब यह है कि अगर वह देश से बाहर जाने की कोशिश करेंगे तो एयरपोर्ट पर उन्हें पकड़ा जा सकता है ।
चिदंबरम का कवच बनी कांग्रेस
जहां एक ओर चिदंबरम पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है , वहीं कांग्रेस अपने दिग्गज मंत्री का कवच बनकर सामने आ रही है । वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल उनके अधिवक्ता के रूप में सुप्रीम कोर्ट में मामले को रख रहे हैं। उन्होंने ही सुप्रीम कोर्ट में चिदंबरम मामले की सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की। लेकिन जस्टिस रमन्ना ने किसी तरह का फैसला देने से मना किया है और कहा है कि वह इस मामले को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के पास भेज रहे हैं । वह इस पर तुरंत सुनवाई का फैसला करेंगे । पी. चिदंबरम के वकील की तरफ से कहा गया है कि उन्होंने चीफ जस्टिस के सामने ये मामला इसलिए नहीं उठाया क्योंकि वह अभी अयोध्या मसले को सुन रहे हैं ।