नई दिल्ली। चुनाव आयोग द्वारा गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान को लेकर पूर्व वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने सरकार और आयोग पर तंज किया है। कांग्रेस के नेता ने गुजरात चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा न करने को लेकर आयोग पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, ‘चुनाव आयोग अभी छुट्टी पर है, जब पीएम मोदी सभी घोषणाएं कर देंगे उसके बाद तारीखों का ऐलान किया जाएगा।’ चिदम्बरम के इसी कटाक्ष का जवाब देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि कांग्रेस चुनाव से डर रही है यही वजह है कि ऐसी बयानबाजी कर रही है।
पी चिदम्बरम का हमला
गौरतलब है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है और चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। वहां 9 नवंबर को मतदान होगा। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने हिमाचल प्रदेश के लिए अपने उम्मीदवारों का सूची भी जारी कर दी है। पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि हिमाचल और गुजरात दोनों जगहों पर एक साथ ही चुनाव कराए जाएंगे लेकिन चुनाव आयोग ने सिर्फ हिमाचल में होने वाले चुनाव की तारीख की घोषणा की। इस बात को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने चुनाव और भाजपा पर जमकर हमला बोला है। बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री ने चुनाव आयोग द्वारा गुजरात विधानसभा के लिए तारीख की घोषणा न करने पर कहा कि, चुनाव आयोग ने ‘मोदी को आॅथराइज्ड कर दिया है कि आप अपने अंतिम चुनावी सभा में तारीखों का ऐलान कर देना और हमें बता देना’।
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चुनाव आयोग का तर्क
मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति से जब इस बारे में पूछा गया कि परंपरा को तोड़ते हुए वे गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव कार्यक्रम एक साथ घोषित क्यों नहीं कर रहे तो उनका जवाब था कि दोनों प्रदेशों में मतगणना एक ही दिन यानी 18 दिसंबर को होगी। आयोग का ये भी कहना है कि हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी से पहले मतदान कराने के लिए 9 नवंबर का दिन तय किया गया है।
कांग्रेस की हैरानी
कांग्रेस ने चुनाव आयोग के फैसले पर हैरानी जताई थी और कहा था कि आयोग का निर्णय समझ से परे हैं. अगर गुजरात में चुनाव में देरी होगी तो सत्ता में जो पार्टी है उसे जनता को लुभाने के लिए आधारहीन और गैरजरूरी लोकलुभावन घोषणाएं करने का वक्त मिल जाएगा जो चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकता है। वहीं भाजपा के प्रवक्ता जफर इस्लाम ने चुनाव आयोग के फैसले पर कहा कि जहां तक लोक लुभावन वादों का सवाल है वो सरकार पहले भी कर सकती है, इसके लिए अंतिम रैली का इंतजार नहीं किया जाता है।