नई दिल्ली। एक देश एक चुनाव का कांग्रेस ने विरोध करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के विचार से असहमत नजर आ रही है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि ऐसा करना भारत के संघवाद के ढांचे के खिलाफ है। बता दें कि एक देश एक चुनाव के मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों की अलग राय है। यहां गौर करने वाली बात है कि विधि आयोग ने इस मामले में सभी दलों से उनकी राय मांगी थी।
गौरतलब है कि एक देश एक चुनाव का अकाली दल, जदयू, अन्नाद्रमुक, सपा और टीआरएस ने समर्थन किया था जबकि टीएमसी, आप, द्रमुक और टीडीपी ने इसका विरोध किया था। कांग्रेस के नेताओं ने विधि आयोग को अपने विचार से अवगत करा दिया है। पार्टी के इस प्रतिनिधि मंडल में मल्लिकार्जुन खड़गे, पी चिदंबरम, आनंद शर्मा, ए एम सिंघवी और कपिल सिब्बल शामिल थे।
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यहां बता दें कि विधि आयोग ने लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे सभी दलों से उनकी राय मांगी थी लेकिन भाजपा और कांग्रेस पार्टी पिछले महीने हुई परामर्श बैठक में शामिल नहीं हुई थी। कांग्रेस के नेता सिंघवी ने इस प्रस्ताव को संवैधानिक विकृति बताया था।