नई दिल्ली। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। खासकर भाजपा और कांग्रेस ने इसके लिए पूरी तरह से कमर कस ली है। कांग्रेस ने इसके लिए एक साथ कई राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ भी सहयोग करने को तैयार है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इन दिनों महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु और बिहार में अपनी पकड़ और मजबूत बनाने में जुट गई है। विपक्ष की रणनीति को भांपते हुए भाजपा ने भी अपने अभियान को और तेज कर दिया है।
गौरतलब है कि कांग्रेस इन दिनों बिहार में आरजेडी, यूपी में सपा-बसपा, तमिलनाडु में डीएमके और महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ अपने गठबंधन को और मजबूत करने में जुट गई है। कांग्रेस का मानना है कि इन राज्यों में भाजपा की पकड़ जितनी कमजोर होगी उसे सत्ता से उतना ही दूर रखा जा सकेगा। इसके लिए सारी कवायद तेज कर दी गई है।
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इन चारों राज्यों में लोकसभा की 200 से अधिक सीट हैं और कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में पार्टी गठबंधन सहयोगी को ज्यादा अहमियत देगी। इनमें से भाजपा, सहयोगी दल और एआईडीएमके के पास 186 सीट हैं। एआईडीएमके सरकार का हिस्सा नहीं है, पर भाजपा के प्रति उसका रुख नरम है। पार्टी मानती है कि 2019 में जीत के लिए इन प्रदेशों में भाजपा और सहयोगियों को हराना जरूरी है। यहां बता दें कि कांग्रेस की इस तैयारी पर अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि 2019 में नरेन्द्र मोदी के सामने कोई चुनौती नहीं है।
कांग्रेस फिलहाल उन सभी राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिशों में जुटी है जहां उसका या उसके गठबंधन का सीधा मुकाबला है।