नई दिल्ली । पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस में गतिरोध फिर राजस्थान कांग्रेस में विरोधी स्वर लेकिन कांग्रेस आलाकमान चुप । भले ही कांग्रेस देश दुनिया के मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार को लेकर गंभीर आरोप लगाती आ रही हो , लेकिन पार्टी के भीतर जारी गतिरोध पर पार्टी आलाकमान कोई फैसला नहीं ले पा रही है । इस सबके बीच पार्टी के भीतर घमासान मचा हुआ है और सचिन पायलट को लेकर दो गुटों में बंटी पार्टी के नेताओं ने अब खुलकर अंतरविरोध जताना शुरू कर दिया है । गत दिनों राज्यसभा सांसदों की हुई बैठक के 2 दिन बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समर्थन में ट्वीट करने शुरू कर दिए हैं ।
विदित हो कि पिछले दिनों हुई इस बैठक में जहां पार्टी अपने एजेंडे से भटकी और पार्टी के वरिष्ठ सांसदों ने प्रमुख मुद्दों पर पार्टी के भीतर समन्वय की कमी का मुद्दा उठाया । सांसद ने कथित तौर पर कहा कि पार्टी को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है । वहीं इन दिनों कांग्रेस के युवा नेताओं ने कथित तौर पर पार्टी की पिछली सरकार की भारी गिरावट के लिए दोषी ठहराया ।
बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में गुरुवार को 34 राज्यसभा के सांसदों ने वर्चुअल बैठक में भाग लिया, बैठक वर्तमान राजनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श और रणनीति तैयार करने के लिए बुलाया गया था । इसमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे कई पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी नेताओं के बीच मतभेद उभर कर सामने आ गए ।
पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने जब सवाल किया कि क्या यूपीए में 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले ही "तोड़फोड़" हो चुका था, तो यह विभाजन और अधिक दिखाई देने लगा । वह पार्टी के चुनावी नुकसान पर आत्मनिरीक्षण के लिए कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग से प्रतिक्रिया कर रहे थे । इस मुद्दे पर मनीष तिवारी ने शनिवार को फिर ट्वीट किया और कहा कि भाजपा 10 साल से सत्ता से बाहर रही, लेकिन एक बार भी उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी या उनकी सरकार को विफलता के लिए दोषी नहीं ठहराया । कांग्रेस नेता शशि थरूर, आनंद शर्मा और मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख मिलिंद देवड़ा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बचाव करने के लिए मनीष तिवारी का समर्थन किया ।
इसी क्रम में मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया कि 2014 में पद से हटते समय, मनमोहन सिंह ने कहा था, 'इतिहास मेरे प्रति दयालु होगा । क्या उन्होंने कभी ऐसा सोचा होगा कि उनकी अपनी पार्टी के कुछ लोग उनकी वर्षों की देश सेवा को खारिज कर देंगे और उनकी विरासत को नुकसान पहुंचाएंगे और वह भी, उनकी उपस्थिति में?
इसी क्रम में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने मनीष तिवारी और मिलिंद देवड़ा के ट्वीट का जवाब दिया और कहा, 'मैं मनीष तिवारी और मिलिंद देवड़ा से सहमत हूं । यूपीए के परिवर्तनकारी 10 साल दुर्भावनापूर्ण तरीके से खराब कर दिए गए । हमारी हार और बहुत कुछ जानने के लिए और कांग्रेस को पुर्नजीवित करने के लिए थी. न कि वैचारिक प्रतिद्वंद्वियों को खेलने के लिए ।'
इससे इतर , पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने भी अपनी बात रखते हुए एक पोस्ट ट्वीटर पर शेयर की । उन्होंने 10 साल के कांग्रेस शासन की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करने वाले ट्वीट्स की एक सीरीज पोस्ट की और बताया कि यह कैसे भाजपा, राजनीतिक विरोधियों और शक्तिशाली निहित स्वार्थों के एक दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक षड्यंत्र और दुर्भावनापूर्ण अभियान का शिकार हो गया ।
असल में पार्टी के कई दिग्गजों ने दबी जुबान में इस बात को स्वीकार किया है कि पा्र्टी में दमदार नेतृत्व नहीं मिल पाने के चलते भी पार्टी की यह स्थिति हुई है । हालांकि पार्टी के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल पार्टी में आंतरिक कलह की खबर को नकारते हुए कहते हैं कि पुराने और नए लोगों के बीच लड़ाई की कहानी एक 'कल्पना' पर आधारित है ।