नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा फ्रांस से खरीदे गए लड़ाकू राफेल विमान पर हो रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इसके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायामूर्ति एके कौल और न्यायामूर्ति के एम जोसफ की पीठ ने इसकी सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को राफेल की खरीद प्रक्रिया की जानकारी बंद लिफाफे में देने के लिए कहा है। इसके लिए सरकार को 29 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। अदालत की ओर से इस मामले पर अब अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी। इसके साथ ही अदालत ने खरीद रोकने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि राफेल लड़ाकू विमान की खरीदारी को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर रहा है। कांग्रेस की ओर से खरीद में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो इस मामले में प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री पर देश से झूठ बोलने और अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सौदे की प्रक्रिया की जानकारी बंद लिफाफे में देने के निर्देश दिए हैं। इसमें विमान की कीमतों की जानकारी शामिल नहीं है।
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यहां बता दें कि कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके शासनकाल में कुल 126 विमानों की खरीद के लिए समझौता किया गया था ऐसे में एनडीए सरकार ने सिर्फ 36 विमान ही क्यों खरीदे? इसके साथ ही अनिल अंबानी को विमान निर्माण का कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद उन्हें ठेका दिलवाने का काम किया। हालांकि अनिल अंबानी ने इसका खंडन करते हुए कहा उनके साथ सरकार की ओर से कोई करार नहीं किया है।