नई दिल्ली। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान पीठ के फैसले के बाद यह याचिका निरर्थक हो गई है। बता दें कि जुलाई में संविधान पीठ ने कहा था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के 4 जुलाई के फैसले का हवाला दिया है।
गौरतलब है कि संविधान पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पहले दिए गए फैसले के बाद इस पर विचार करने को कोई औचित्य नहीं है। बता दें कि याचिकर्ता ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद-239 एए और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार कानून, 1991 को असंवैधानिक घोषित करने की गुहार लगाई गई थी। इसमें यह भी कहा गया था कि भारत में कोई भी क्षेत्र या तो पूर्ण राज्य हो सकता है या फिर केंद्र शासित प्रदेश हो सकता है।
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यहां बता दें कि याचिका में यह भी कहा गया था कि दोषपूर्ण संवैधानिक व्यवस्था ही राजधानी दिल्ली में प्रशासन की खराब व्यवस्था के लिए जिम्मेदार है। पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं होने के वजह से ही राजधानी में अनधिकृत निर्माण, यातायात, वायु प्रदूषण आदि समस्या से निजात नहीं मिल रहा है। अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य को दर्जा पर मिल जाए तो इन समस्याओं का समाधान हो सकता है।