नई दिल्ली । पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के शायराना अंदाज के बाद अब गुजरात के पाटीदारों के युवा नेता बनकर उभरे हार्दिक पटेल का शायराना अंदाज ट्विटर पर नजर आया। गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की वादाखिलाफी और साथी आंदोलनकारियों के भाजपा का कमल थाम लेने के बाद उन्होंने अपना दर्ज एक ट्वीट के जरिए बयां किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा --सियासत की रंगत में ना डूबो इतना, कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए, जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को, गर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए। इनता ही नहीं पाटीदारों का समर्थन खोते जा रहे हार्दिक पटेल ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अलट बिहारी वाजपेयी की कुछ पंक्तियों के जरिए भी अपनी राजनीतिक स्थिति को भी बयां किया।
बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनावों में पाटीदारों की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो सामने आ रहा है कि कहीं न कहीं हार्दिक पटेल ने पाटीदारों से अपना विश्वास खो दिया है। शायद यही कारण है कि उनके साथ पटेल आरक्षण में साथ निभाने वाले कई पाटीदार नेता इस समय भाजपा का कमल थामें बैठे हैं, जबकि हार्दिक भाजपा के खिलाफ ही अपना मोर्चा खोल कर बैठ हैं। जहां हार्दिक को झटका उनके साथियों ने दिया वहीं उनकी राजनीतिक को तार-तार कर दिया कांग्रेस ने, जिस पर उन्होंने धोखा देने का आरोप लगाया है।
असल में पटेल आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा को घेरने के लिए पहले तो हार्दिक पटेल का समर्थन किया, लेकिन जब हार्दिक ने कांग्रेस से ही आरक्षण मुद्दे पर उनका रुख पूछ लिया तो कांग्रेस ने अपनी सियासी चाल चल दी। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में बस नाम के लिए पाटीदार नेताओं को टिकट दिए, जबकि बात ज्यादा उम्मीदवारों की हुई थी। इसके अलावा दिल्ली में भी पाटीदारों से पार्टी आलाकमान ने बैठक नहीं की। हालांकि पटेल आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने अपने समर्थन का पत्ता पूरी तरह से नहीं दिखाया है।
इस सब के साथ पाटीदारों के सिर से हार्दिक पटेल का जादू उतरता नजर आने लगा है। दो साल पहले जिस हार्दिक के एक इशारे पर पटेल समुदाय अपनी जान न्यौछावर करने को तैयार था, वहीं सियासी शतरंज में कुछ ऐसी चालें चली गईं कि हार्दिक पटेल से उनके लोग ही दूर होने लगे हैं।
एक समय भाजपा के खिलाफ झंडा उठाने वाली टीम हार्दिक इस समय बिखर गई है। उनके साथी जहां कमल थामे खड़े दिख रहे हैं, वहीं उन्हें सहारा देने का वायदा करने वाली कांग्रेस का रुख भी बदल गया है। ऐसे में हार्दिक गुजरात की सियासी रणभूमि में अकेले पड़ते जा रहे हैं। हार्दिक ने अपने इसी दर्द को ट्वीट के जरिए शेयर किया।
हार्दिक इस ट्वीट के बाद ही नहीं रुके, उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की लिखी पंक्तियों के जरिए भी अपना दर्द बयां किया. उन्होंने ट्वीट किया-बाधाएं आती हैं आएगी, घिरे प्रलय की घोर घटा, पांवों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं,निज हाथों में हंसते हंसते, आग लगाकर जलना होगा, क़दम मिलाकर चलना होगा।
असल में पिछले कुछ समय में हार्दिक का समय बदल गया है। कुछ विवादित सीडी सामने आने के साथ ही उनके अपनों का कमल थाम लेने के चलते इस समय हार्दिक काफी आहत और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस द्वारा खेली गई राजनीति ने भी हार्दिक के राजनीतिक करियर पर सवाल उठा दिए हैं। सोमवार को गुजरात के कई स्थानों पर कांग्रेस और पाटीदार समुदाय के बीच झड़पें हुईं. इसे देखकर हार्दिक पटेल ने अपनी सूरत में होने वाली रैली को रद्द कर दिया है।