नई दिल्ली। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख करुणानिधि का लंबी बीमारी के बाद देर शाम निधन हो गया। वे 94 साल के थे और काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। करीब 10 दिनों पहले उन्हें चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था इसके बाद मंगलवार को उनके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। फिलहाल उनके पार्थिव शरीर को चेन्नई के राजाजी हाॅल में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। हालांकि अब उनके अंतिम संस्कार की जगह को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। करुणानिधि के समर्थक मरीना बीच पर उनकी समाधि बनाने की मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शाम को चेन्नई पहंुचकर करुणानिधि को अंतिम विदाई देंगे।
गौरतलब है कि करुणानिधि अपने जीवन में एक सफल राजनेता, फिल्म लेखक, गीतकार, साहित्यकार, कार्टूनिस्ट और पत्रकार भी रहे। डाॅक्टरों ने जैसे ही उनके निधन की खबर सुनाई अस्पताल के बाहर खड़े समर्थकों में चीख पुकार मच गई। राज्य में सुरक्षा को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ही राजाजी हाॅल पहुंचकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
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यहां बता दंे कि करुणानिधि के देहांत के बाद अब उनकी समाधि स्थल बनाने को लेकर विवाद हो गया है। डीएमके समर्थक अन्य मुख्यमंत्रियों की तरह मरीना बीच पर ही समाधि स्थल बनाने की मांग कर रहे हैं। इस विवाद को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। हालांकि तमिलनाडु सरकार ने करुणानिधि को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह देने के द्रमुक के आग्रह को खारिज कर दिया।
सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री सी राजगोपालाचारी और के कामराज की समाधि के नजदीक ही करुणानिधि को दफनाने के लिए दो एकड़ जगह की पेशकश की है। मरीना बीच पर दफनाने को लेकर सरकार का कहना है हाईकोर्ट में कई मामले लंबित होने की वजह से यह संभव नहीं है। करुणानिधि के देहांत पर तमिलनाडु में 7 दिनों का राजकीय शोक घोषित कर दिया गया है और बुधवार को वहां सभी दफ्तरों में छुट्टी कर दी गई है।