नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही पीएम मोदी के काफी करीबी दोस्तों में शुमार हों , लेकिन वह भारत को किसी तरह की रियायत या छूट देने के पक्ष में कभी नजर नहीं आते । एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत चीन को बड़ा झटका देते हुए बयान दिया है कि दोनों ही देश अब विकासशील नहीं रहे हैं, जबकि दोनों देशों विश्व व्यापार संगठन ( WTO ) के तहत मिलने वाले फायदे का लाभ ले रहे हैं । ट्रंप ने कहा कि ऐसे में हमने WTO को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इन दोनों देशों को विश्व व्यापार संगठन की ओर से मिल रहे फायदे अब नहीं दिए जाने चाहिए ।
विश्व व्यापार संगठन को लिखे अपने पत्र में ट्रंप ने कहा - डब्ल्यूटीओ अभी तक चीन को विकासशील देश मानता है, इस बारे में हमने WTO को चिट्ठी लिखकर कहा कि वह चीन को इस दर्जे से अलग करें । इतना ही नहीं हम अब भारत को भी विकासशील देश के दर्जे में नहीं रख सकते क्योंकि दोनों ही देश अमेरिका को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, आगे हम यह फायदा नहीं दे सकते । इससे पहले जुलाई में अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ से पूछा था कि आखिर वह किस आधार पर किसी भी देश को विकासशील देश का दर्जा देता है । इस सब के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति ने डब्ल्यूटीओ को पत्र लिखकर भारत और चीन को विकासशील देश का दर्जा मिले होने के चलते , मिलने वाली छूट खत्म करने की मांग की थी ।
असल में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और चीन के बीच एक कोल्ड ट्रेड वार चल रहा है। इस सब के बीच पिछले दिनों अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले सामानों पर शुल्क बढ़ा दिया। वहीं चीन ने भी कुछ ऐसा ही करते हुए अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर टैक्स बढ़ा दिया है ।