नई दिल्लीः ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग ने भी चैलेंज स्वीकार कर लिया है। वह शुक्रवार को सभी राजनीतिक दलों के साथ सुबह 10 बजे एक मीटिंग करने जा रहा है, जिसमें ईवीएम चैलेंज की तारीफ तय करने पर भी चर्चा होगी। चुनाव आयोग यह भी बताएगा कि इस चैलेंज को स्वीकार करने वाली पार्टी को किस तरह ईवीएम में हैकिंग को साबित करना है। इस मीटिंग में चुनावी चंदे और धन के इस्तेमाल जैसे मुद्दों पर भी आय़ोग कड़ा रुख रखने वाला है।
चुनाव में धन के इस्तेमाल पर मशविरा
ईवीएम के अलावा चुनाव आयोग इस मीटिंग में एक और अहम मुद्दे पर अपनी राय रखेगा। अगर उसकी राय मान ली गई तो देश में चुनावों की तस्वीर ही बदल जाएगी। आयोग चुनाव में धन के इस्तेमाल को लेकर पार्टियों से बात करेगा। वह चाहता है कि चुनाव में धन के इस्तेमाल को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाया जाए और ऐसे मामले में आरोप तय होने पर प्रत्याशी को अयोग्य ठहरा दिया जाए।
चुनावी चंदा बनेगा मुद्दा
आज की मीटिंग का तीसरा अहम बिंदु होगा राजनीतिक दलों को मिलने वाला चंदा। इस चंदे को पारदर्शी बनाने को लेकर भी आयोग राजनीतिक दलों से बात करेगा। चुनाव आयोग का कहना है कि नकद में चंदा 20 करोड़ रूपए से ज्यादा न हो या फिर साल के कुल चंदे का 20 फीसदी से ज्यादा चंदा नकद में नहीं होना चाहिए। इससे ज्यादा की राशि पर आयकर छूट नहीं मिलनी चाहिए। दो हजार रूपए से ज्यादा की राशि का गुप्त चंदे पर रोक होनी चाहिए। अभी आम आदमी पार्टी के विदेशी फंडिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आयोग चाहता है कि पार्टियां राजनीतिक चंदे को लेकर पारदर्शिता बरतें।
वीवीपीएटी पर भी होगी बात
मीटिंग में आयोग ने सात राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और 48 क्षेत्रीय दलों को बुलाया है। आयोग इस मीटिंग में वीवीपीएटी यानी पर्ची वाली ईवीएम को लेकर भी दलों के साथ चर्रचा करेगा। इसके लिए दलों से पहले ही राय मांगी गई थी।