नई दिल्ली । मौजूदा समय में घरेलू बिजली दरें और व्यावसायिक बिजली की दरों में काफी अंतर है, लेकिन अगर सरकार की एक योजना परवान चढ़ी तो आने वाले दिनों में घर और दुकान या फैक्टरी की बिजली दरों की टैरिफ एकसमान होगी। आने वाले दिनों में घरेलू और व्यावसायिक कनेक्शन के उपभोक्ताओं से सामान दर से बिजली की बिल बनाया जाएगा। लोगों को अलग-अलग श्रेणियों के लिए बिजली की अलग-अलग दर देने की जरूरत नहीं होगी। बस लोगों का बिल उनके लोड और उनके उपभोग पर निर्भर करेगा। बिजली मंत्रालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसपर राज्यों के साथ चर्चा जारी है। मिली जानकारी के मुताबिक , राज्य सरकारें 2 किलोवाट और उससे अधिक किलोवाट वाले कनेक्शन पर उपभोक्ताओं को हर माह सब्सिडी भी दे सकती है, लेकिन अगर कोई उपभोक्ता तय यूनिट से ज्यादा का उपभोग करेगा तो उसे सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा।
अभी घरेलू और व्यावसायिक कनेक्शन
बता दें कि इस समय घर के लिए जहां घरेलू कनेक्शन कम दरों पर बिजली मुहैया करवाई जाती है, वहीं व्यावसायिक कनेक्शन यानी दुकान- फैक्टरी आदि के लिए बिजली की दरें ज्यादा रखी गई हैं। लेकिन बिजली मंत्रालय के नए प्रस्ताव में इन सब अलग-अलग कनेक्शन को एक करने का विचार है। इसके तहत लोगों को समान दरों पर बिजली मुहैया करवाई जाएगी।
1 अप्रैल 19 से लागू हो सकती है नई दरें
इस समय बिजली मंत्रालय कई राज्यों से इस मुद्दे पर चर्चा कर रहा है। बिजली मंत्री आरके सिंह खुद इस मुद्दे पर राज्य सरकारों से बात कर इस प्रस्ताल को हरी झंडी दिलवाने के लिए प्रयासरत हैं। राज्यों से इस दौरान चर्चा की जा रही है कि आखिर घरेलू और व्यावसायिक बिजली के कनेक्शन को खत्म कर एक ही कनेक्शन रखने और समान दर पर उन्हें बिजली मुहैया करवाने से उन्हें राजस्व का कितना नुकसान होगा।
लोड की होंगी 5 श्रेणियां
इस दौरान बता दें कि मंत्रालय ने उपभोक्ताओं के बिजली के लोड की 5 श्रेणियां बनाने का प्रस्ताव रखा है। अगर लोगों ने घर का लोड कम लिया हुआ है और उनके घर बिजली का लोड बढ़ा हुआ है तो ऐसे लोगों को जल्द से जल्द अपना लोड बढ़वाना पड़ेगा, नहीं तो ऐसे लोगों से भारी जुर्माना वसूला जाएगा । प्रस्ताव का तहत 2 किलोवाट से शुरू होकर 2-5 किलोवाट, 5-10 किलोवाट, 10-25 और 25किलोवाट से अधिक के ये पांच लोड प्रस्तावित हैं।
बिजली खपत के भी 5 स्लैब
जहां लोड के पांच स्लैब रखे गए गए हैं वहीं खपत के भी 5 स्लैब रखे गए हैं। पहला स्लैब 200 यूनिट तक होगा। इसके बाद 200-400 यूनिट , 401-800, 801-1200 और 1201 से अधिक यूनिट। इन हर श्रेणी के लिए बिजली की अलग अलग दरें होंगी।