नई दिल्ली/पटना । आखिर ऐसा कैसे संभव हो जाता है कि किसी प्रभावशाली राजनैतिक परिवार का कोई सदस्य सीबीआई, ईडी या अन्य जांच एजेंसियों के कई बार बुलाने के बावजूद उन्हें ठेंगा दिखाता रहे। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के मामले में कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है, जहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) राबड़ी के आगे बौनी साबित हो रही है। मनी लॉड्रिंग के मामले में आरोपी राबड़ी देवी को ईडी कई बार पूछताछ के लिए समन भेज चुकी है लेकिन बिहार की राजनतीकि में धमक रखने वाले परिवार की सदस्य राबड़ी ईडी को बार-बार 'ठेंगा' दिखा रही हैं। एक बार फिर राबड़ी देवी ने ईडी के छठवें सम्मन के बावजूद पूछताछ के पेश नहीं हुई हैं। यह अपनी तरह का एक रिकॉर्ड भी बनता दिख रहा है।
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बता दें कि मनी लॉड्रिंग के मामले में आरोपी बनाई गईं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को ईडी पूछताछ के लिए अब तक 6 बार समन भेज चुकी है लेकिन राबड़ी देवी अभी तक पूछताछ के लिए पेश नहीं हुई हैं। अमूमन ऐसा देखने को नहीं मिलता कि कोई 6 बार समन भेजे जाने के बावजूद पेश न हुआ हो। ईडी के 6 समन की अनदेखी कर चुकी राबड़ी देवी न तो अभी तक कोर्ट की शरण में गई हैं, न ही उन्होंने देश छोड़ा है। इतना ही नही न ही वह भूमिगत हुई है। इतना ही नहीं उन्होंने समन को बौना साबित करते हुए अभी तक अपने पूछताछ के लिए पेश न होने का कारण भी नहीं बताया है।
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ऐसे पूराने मामलों पर नजर डालें तो ऐसे मामलों में जहां तीसरे समन के बावजूद ईडी के सामने पेश न होने वाले पूर्व वित्तमंत्री पी चिंदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने कोर्ट की शरण ली थी, जबकि विजय माल्या गुपचुप देश छोड़कर चले गए थे, वहीं जाकिर नाइक जैसे लोगों ने विदेश से लौटने से ही मना कर दिया था।
इस मामले में ईडी के समन को लेकर उनका कोई बयान जारी नहीं हुआ है। हालांकि 3 नवंबर को उनकी ओर से यह जरूर कहा गया कि जब आयकर विभाग उनसे पूछताछ कर चुका है तो फिर किसी और को उनसे पूछताछ नहीं करनी चाहिए।
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बता दें कि सीबीआई ने मनी लॉड्रिंग के मामले में लालू समेत उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।