नई दिल्ली । पूर्व रक्षामंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार शाम निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे और अपने अंतिम दिनों में बीमार होने के बावजूद ऑफिस जाते रहे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी। शनिवार को एक बार फिर से तबीयत खराब होने पर उन्हें शनिवार को सेना के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उन्हें अग्नाशय का कैंसर था। देश के एक सच्चे और जिम्मेदार राजनेता खोने पर देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
बता दें कि गोवा के मुख्यमंत्री कार्यालय ने मनोहर पार्रिकर के निधन से एक घंटे पहले ही ट्वीट कर जानकारी दी थी कि उनकी हालत बेहद नाजुक है। डॉक्टर अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं। मनोहर पर्रिकर की पहचान एक ईमानदार और सादगी भरा जीवन जीने वाले नेताओं में होती रही है।
पर्रिकर को फरवरी 2018 में एडवांस्ड पैन्क्रिएटिक (अग्नाशय) कैंसर होने का पता चला था। वह आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट थे। इतना ही नहीं वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय प्रचारक भी थे। अपने इलाज के दौरान कैंसर से पीड़ित पर्रिकर ने विश्व कैंसर दिवस पर कहा था कि मानव मस्तिक किसी भी बीमारी पर जीत पा सकता है।
पर्रिकर सितंबर में अमेरिका से इलाज करवाकर भारत लौटे थे। अमेरिका में एक हफ्ते उनका इलाज चला था। इससे पहले एक बार और इलाज के लिए तीन महीने तक अमेरिका में रहे थे। अमेरिका से लौटने के बाद पिछले साल अक्टूबर के महीने में एक बार फिर उनकी तबीयत खराब हुई जिसके कारण उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था।