नई दिल्ली। मुंबई के बाद अपनी मांगों को लेकर किसान अब दिल्ली में हल्ला बोलने वाले हैं। गुरुवार और शुक्रवार को पूरे देश के किसान अखिल भारतीय किसान मुक्ति मोर्चा (एआईकेसीसी) के बैनर तले कर्जमाफी और लागत से डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग को लेकर किसान सरकार पर दवाब बनाने की पूरी कोशिश करेंगे। किसान संगठन ने उनका समर्थन करने वाले राजनीतिक नेताओं को भी आमंत्रित किया है। बता दें कि इससे पहले किसानों ने मुंबई मंे भी अपनी किसानांे ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था। महाराष्ट्र सरकार ने इस बार उन्हें लिखित में उनकी मांगों को मानने का भरोसा दिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली के बिजवासन इलाके में सैकड़ों की संख्या में तमिलनाडू से आए किसानों का जमावड़ा लग गया है। खबरों के अनुसार, किसान, आंदोलन के पहले दिन लोक गायक और दूसरे सांस्कृतिक प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेंगे वहीं एआईकेसीसी के नेतृत्व में 207 किसान संसद मार्ग तक मार्च करेंगे और 30 नवंबर को वहां संसद का आयोजन करेंगे। शुरुआती सत्र में किसान कर्जमाफी के संबंध में दो विधेयकों और बेहतर समर्थन मूल्य को लेकर चर्चा करेंगे। इन दोनों की ही सिफारिश स्वामीनाथन आयोग ने भी की है।
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यहां बता दें कि किसान संगठन ने उनका समर्थन करने वाले नेताओं को भी साथ आने का न्योता दिया है। गौर करने वाली बात है कि अभी तक करीब 21 राजनीतिक पार्टियों ने किसानों को इस मुद्दे पर अपना समर्थन देने की बात कही है। इसमें मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी शामिल है। किसान संगठन की ओर से पीएम को भी पत्र लिखकर उनका एजेंडा बताया गया है। किसानों का कहना है कि अगर सरकार जीएसटी विधेयक के लिए विशेष सत्र बुलाकर उसे आधी रात को पास कर सकती है तो वह किसानों के लिए ऐसा क्यों नहीं कर सकती है। सेना के पूर्व जवानों ने भी किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने की बात कही है।