श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन के द्वारा नेशनल कांफ्रेंस पर राज्य की पहचान को नुकसान पहुंचाने का आरोप पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी लोन ही जम्मू कश्मीर में बंदूक लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल जगमोहन के द्वारा जब उन्हें निलंबित किया गया तो अब्दुल गनी लोन ने उनके पास आकर पाकिस्तान से हथियार लाने की बात कही थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। इसके बावजूद वे नहीं माने और हथियार लेकर यहां आए। राज्य में सरकार बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस कभी सत्ता के लालच में नहीं रही। नेशनल कांफ्रेंस पर सज्जाद लोन ने राज्य की पहचान बिगाड़ने का आरोप लगाया था।
गौरतलब है कि राज्य में पीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार गिरने के बाद वहां राज्यपाल शासन लागू था लेकिन नेशनल कांफ्रेंस की मदद से पीडीपी और कांग्रेस गठबंधन कर सरकार बनाने की तैयारी कर रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के द्वारा राज्यपाल को सरकार बनाने का पत्र भेजने के बाद पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा ठोंक दिया। लोन ने कहा था कि उन्होंने व्हाट्सएप पर राज्यपाल को भाजपा के विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा भेजा था। हालांकि बाद में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इस तरह की कोई मैसेज मिलने से इंकार करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर दावे कर सरकार नहीं बनाई जा सकती है।
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यहां बता दें कि कांग्रेस-पीडीपी के गठबंधन को बाहर से मदद देकर राज्य में सरकार बनाने की कवायद में जुटी नेशनल कांफ्रेंस पर सज्जाद लोन ने राज्य की पहचान बिगाड़ने का आरोप भी लगाया था। इस पर पलटवार करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर फारूख अब्दुल्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर वे आरोप लगाना शुरू करेंगे तो सज्जाद लोन सुन नहीं पाएंगे। डाॅक्टर अब्दुल्ला ने कहा कि सज्जाद लोन के पिता ही राज्य में हथियार लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि उनके कई बार मना करने के बाद अब्दुल गनी लोन नहीं माने। नेशनल कांफ्रेंस के द्वारा सरकार बनाने की पहल पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी तो सिर्फ 35ए की रक्षा के लिए ऐसा करना चाहती थी क्योंकि उन्हें पता था कि यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी और राज्य में चुनाव कराना पड़ेगा।
आपको बता दें कि इसके अलावा फारूख अब्दुल्ला ने पाकिस्तान और भारत के बीच दोस्ती को बढ़ावा देने के लिए करतारपुर साहिब की तर्ज पर शारदा पीठ जाने वाले रास्ते को भी खोलने की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ दोस्ती और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सभी रास्तों को खोलने की मांग की है।