नई दिल्ली।
यूपीए सरकार के समय हुए कोयला घोटाला मामले में विशेष अदालत ने शुक्रवार को पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता सहित तीन अफसरों दोषी करार दिया है। विशेष सीबीआई जज भारत पराशर ने गुप्ता के अलावा तत्कालीन संयुक्त सचिव के एस क्रोफा, तत्कालीन निदेशक के सी समारिया को भी दोषी ठहराया है। यह मामला मध्यप्रदेश में थेसगोड़ा-बीरूद्रपुरी कोयला ब्लॉक का आवंटन केएसएसपीएल को करने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। विशेष अदालत मामले में 22 अप्रैल को दोषियों को सजा सुनाएगी। इस मामले में अदालत ने सीए अमित गोयल को बरी कर दिया है।
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सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आरोप लगाया था कि केएसएसपीएल द्वारा कोयला ब्लॉक के लिए दायर किया गया आवेदन अधूरा था। सीबीआई ने कहा कि आवेदन दिशा-निर्देशों के अनुरूप न होने के कारण खारिज किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी ने अपनी नेट वर्थ और क्षमता के बारे में गलत जानकारी दी थी। इसके साथ ही सीबीआई ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने इस कंपनी को कोई कोयला ब्लॉक आवंटित करने की सिफारिश नहीं की थी। हालांकि कंपनी के वकील ने आरोपों को गलत बताया है।
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कोेर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में इस मामले में आरोप तय किए थे और कहा था कि पूर्व कोयला सचिव गुप्ता ने इस बारे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अंधेरे में रखा। गुप्ता के खिलाफ 8 अलग-अलग चार्जशीट दायर की गई है और हर मामले में अलग ट्रायल चल रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस सभी मामलों के ज्वाइंट ट्रायल की अपील खारिज कर दी थी।बता दें कि 2008 में सेवानिवृत्त होने से पहले गुप्ता यूपीए सरकार में 2 साल तक कोयला सचिव रहे थे।