नई दिल्ली। राम मंदिर निर्माण का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से सरकार अध्यादेश नहीं ला सकती है लेकिन सर्वोच्च अदालत के पूर्व जज ने ऐसा संभव होने की बात कहकर सरकार की मुश्किलों को आसान कर दिया है। पूर्व जस्टिस चेलमेश्वर का कहना है कि उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद सरकार इस पर कानून बना सकती है। बता दें कि साधु समाज लगातार सरकार पर मंदिर बनाने केा लेकर दवाब बना रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह ने भी सरकार से अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने की मांग की है।
गौरतलब है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। फिलहाल खबरों के अनुसार यूपी के मुख्यमंत्री सरयू नदी के तट पर भगवान राम की भव्य प्रतिमा के निर्माण का ऐलान कर सकते हैं। साधु समाज ने इसे मुद्दे से भटकाने की बात कहते हुए कहा कि उन्हें राममंदिर से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। बता दें मामला कोर्ट में होने की वजह से सरकार के लिए अध्यादेश लाना मुमकिन नहीं है।
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यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व जज जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि मामला लंबित होने के बावजूद सरकार अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण कर सकती है। उन्होंने कहा कि विधायी प्रक्रिया द्वारा अदालती फैसलों में अवरोध पैदा करने के उदाहरण पहले भी रहे हैं। गौर करने वाली बता है कि जस्टिस चेलमेश्वर ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक कानून बनाने की मांग संघ परिवार में बढ़ती जा रही है।