नई दिल्ली। देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मौजूदा हालात को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में असहिष्णुता बढ़ती जा रही है। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि देश में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है इसके साथ ही अमीरों और गरीबों के बीच की खाई और बड़ी होती जा रही है। बता दें कि दिल्ली में ‘‘शांति, सद्भावना व प्रसन्नता की ओर संक्रमण से परिवर्तन’’ विषय पर आयोजित 2 दिनों के एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने अपनी चिंता जाहिर की है। गौर करने वाली बात है कि इस सम्मेलन का आयोजन प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन एंड सेंटर फॉर रूरल एंड इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट ने किया है।
गौरतलब है कि सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि ‘‘देश एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है। जिस धरती ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ और सहिष्णुता का सभ्यतामूलक सिद्धांत, स्वीकार्यता और क्षमा की अवधारणा दी है वह अब बढ़ती असहिष्णुता, मानवाधिकारों के उल्लंघन और गुस्से की वजह से सुर्खियों में है। उन्हांेने अलीगढ़ विश्वविद्यालय में हुई घटना की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पिछले दिनों शिक्षा संस्थान में भी गंभीर तनाव देखा गया है। सरकार और संस्थानों के कामकाज में व्यापक संदिग्धता और भ्रम की स्थिति है।
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यहां बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सबसे ज्यादा खुशहाली इन देशों मंे आती हैं जहां लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिलती हैं। सरकार के द्वारा उन्हें सुरक्षा दी जाती है और सभी सूचनाओं तक उनकी पहुंच होती है। उन्हांेने कहा हमें भी रोजमर्रा के दिनों में ईष्र्या को दूरकर भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए।