नई दिल्ली। भारतीय मूल की बेटी गीता गोपीनाथ ने दुनिया में एक अहम मुकाम हासिल किया है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर काम कर रही गीता गोपीनाथ को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का प्रमुख अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया है। आईएमएफ ने इस संबंध में ट्विटर पर जानकारी दी है। गीता मौरीस ओब्सफेल्ड की जगह लेंगी जो कि इस साल के आखिर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि गीता गोपीनाथ मौजूदा समय में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर हैं। उन्होंने इंटरनेशनल फाइनेंस और मैक्रोइकोनॉमिक्स में रिसर्च की है।
गौरतलब है कि आईएमएफ में इस पद पर पहुंचने वाली गीता दूसरी भारतीय हैं जबकि ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उनसे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी आईएमएफ के प्रमुख अर्थशास्त्री रहे हैं। आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लगार्डे ने गोपीनाथ की नियुक्ति की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘गीता दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक हैं। उनके पास शानदार अकादमिक ज्ञान, बौद्धिक क्षमता और व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव है।’’
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आपको बता दें कि गीता गोपीनाथ को पिछले साल केरल सरकार का वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया गया था। केरल में ही पैदा हुई इस पद को पाने के बाद खुशी जाहिर की थी, हालांकि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की पार्टी के ही कुछ लोगों ने विरोध किया है। गीता अमेरिकन इकोनॉमिक्स रिव्यू की सह-संपादक और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च (एनबीइआर) में इंटरनेशनल फाइनेंस एंड मैक्रोइोकनॉमिक की सह-निदेशक भी हैं। गीता ने व्यापार और निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजार की समस्याओं पर लगभग 40 रिसर्च लेख लिखे हैं।
यहां गौर करने वाली बात है कि स्नातक की शिक्षा भारत में ही पूरी करने वाली गीता ने साल 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। इसके बाद साल 2005 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई। साल 2010 में गीता इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनीं और फिर 2015 में वे इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर बन गईं।