नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों ने केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मंगलवार को पेट्रोल की कीमत में 26 पैसे और डीजल की कीमत में 30 पैसे का इजाफा किया गया है। बढ़ी हुई कीमतों के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 76 रुपये प्रतिलीटर हो गई है वहीं डीजल की कीमत 68 रुपसे प्रतिलीटर के पार पहुंच गई है। आम आदमी की परेशानी और नाराजगी को देखते हुए केन्द्र सरकार की ओर से कीमतों को कम करने के लिए उपाय किए जा सकते हैं।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर रहने के बाद कर्नाटक में चुनाव खत्म होने के फौरन बाद ही इसमें इजाफा हो गया। कीमतों में इजाफा होने पर केन्द्र पर इसका आरोप लगाया गया कि सरकार ने जानबूझकर कीमतों में बढ़ोतरी की गई है जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि तेल की कीमतों में हो रहे इजाफे से उसका कोई लेना-देना नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है।
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यहां बता दें कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तेल कंपनियों के चेयरमैन के साथ बैठक कर एक्साइज ड्यूटी और वैट घटाने को लेकर के बड़ा ऐलान कर सकती है। बताया जा रहा है कि 14 मई से ही लगातार तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, यहां तक की देश में पेट्रोल की कीमतें 84 रुपये प्रतिलीटर के पार पहुंच गई है वहीं डीजल की कीमत 74 रुपये प्रतिलीटर तक पहुंच गई है। अब कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे की वजह से तेल आपूर्ति करने वाले देशों ने सप्लाई कम कर दी है। ऐसे में अगर केंद्र एवं राज्य सरकारें ड्यूटी और वैट में कमी कर देती है तो इनकी कीमतों में कमी आ सकती है।