नई दिल्लीः नोटबंदी के दौरान अपने या किसी जानने वाले के एकाउंट में भारी मात्रा में पुरानी करेंसी जमा कराने वालों से अघोषित टैक्स डिपॉजिट के तौर पर करीब 6000 करोड़ रुपए की रकम मिली है। यह जानकारी इस मामले में सरकार द्वारा बनाई गई स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने दी है। एसआईटी के मुताबिक रकम इससे अधिक भी हो सकती है। यही नहीं, 50 लाख जमा करने वाले लोगों पर भी सरकार की निगाह है। एेसे लोगों से 3 साल की बैलेंस शीट व अन्य कागज दिखाने को कहा गया है, ताकि जमा की गई रकम के स्रोत की जानकारी की जा सके।
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मांगा गया है पूरा ब्यौरा
अंग्रेजी अखबार टाइम्स आफ इंडिया की एक खबर के अनुसार एसआईटी के उपाध्यक्ष जस्टिस अरिजित पसायत ने शुक्रवार को बताया कि नोटबंदी के बाद सरकार ने अघोषित टैक्स डिपॉजिट पर तकरीबन 6 हजार करोड़ रुपए जुटाए हैं। ऐसे लोगों से पूरा ब्यौरा तलब किया गया है, जिन्होंने नोटबंदी के ऐलान के बाद अपने या किसी जानने वाले के एकाउंट में भारी संख्या में पुराने नोट जमा कराए थे। इसके अलावा कई लोग ऐसे भी हैं, जो जमा कराए गए धन पर 60 परसेंट पेनाल्टी देकर सजा से बचना चाहते हैं। हालांकि अब यह पेनाल्टी 75 परसेंट कर दी गई है।
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दिखाने होंगे सारे दस्तावेज
नोटबंदी के दौरान 50 लाख या उससे अधिक जमा खाते में करने वाले लोगों पर नजर रखी गई है। इसके दायरे में आए करीब 1092 लोगों ने अब तक इस बारे में जारी किए गए नोटिस का जवाब नहीं दिया है। जस्टिस पसायत ने कहा कि ज्यादा अमाउंट डिपॉजिट करने वालों को पिछले तीन साल की बैलेंस सीट और आईटीआर का ब्यौरा पेश करना होगा। ओडिशा जैसे छोटे राज्य में एक डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर ने 2.5 करोड़ रुपए जमा कराए हैं। यह पैसा जब्त हो जाएगा क्योंकि साफतौर पर यह रिश्वत की रकम है।
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