मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा और मराठा आंदोलन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कहा है कि वह इन दोनों मामलों में दर्ज मुकदमे को वापस लेगी। बताया जा रहा है कि मराठा समुदाय को नौकरी और शिक्षा में 16 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा के बाद सरकार ने उनके खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे को वापस लेने का काम शुरू भी कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि मराठा आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए 534 मामलों में से 46 गंभीर गुनाहों को छोड़कर बाकी सभी मामलों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू है। वहीं, भीमा-कोरेगांव हिंसा के दौरान दर्ज 655 केस में से 63 गंभीर मामलों को छोड़कर अन्य मामलों को वापस लिया जाएगा।
गौरतलब है कि सीएम फड़णवीस ने कहा कि मराठा आंदोलन के दौरान कई लोगों ने आत्महत्या भी की थी। राज्य सरकार ने आत्महत्या करने वाले लोगों के परिजनों को आर्थिक मदद देने का भी ऐलान किया है। मुख्यमंत्री के अनुसार मराठा आंदोलन के दौरान राज्य में 543 मामले दर्ज हुए थे। उनमें से 66 मामलों को रद्द करने की प्रक्रिया आखिरी चरण में है। वहीं, 117 मामलों में दायर चार्जशीट को रद्द करने के लिए अदालत से सिफारिश की गई है।
ये भी पढ़ें - नागौर में बोले भाजपाध्यक्ष- राहुल गांधी सपने देखना छोड़ दें, वसुंधरा का शासन ‘अंगद का पांव’
यहां बता दें कि सीएम ने कहा कि मराठा आंदोलन के दौरान गंभीर किस्म के अपराध मामले में दर्ज मुकदमांे को वापस नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में दर्ज 655 मामलों में से 63 को छोड़कर सभी केस वापस लिए जाएंगे।