Monday, May 6, 2024

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रोहिंग्या मुसलमानों पर सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा- देश से जाना ही होगा, देश विरोधी हरकतों में हैं लिप्त

अंग्वाल संवाददाता
रोहिंग्या मुसलमानों पर सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा- देश से जाना ही होगा, देश विरोधी हरकतों में हैं लिप्त

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर करने के मामले में 18 पन्नों का एक हलफनामा दायर किया। इसमें सरकार ने इन रोहिंग्या मुसलमानों को देश विरोधी हरकतों में लिप्त करार दिया। साथ ही इन लोगों से देश की जनता को खतरा बताया। सरकार की ओर से दाखिल हलफमाने में बताया गया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे ये लोग मानव तस्करी के धंधे में भी लिप्त हैं। ऐसे में भारत-म्यांमार सीमा के जरिए भारत में प्रवेश करने वाले ये 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान का अवैध प्रवास भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है, क्योंकि इनमें से कई लोग पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए इस मामले को 3 अक्टूबर तक टाल दिया है। 

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के 7000 रोहिंग्या मुसलमानों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए अपील की थी मोदी सरकार के उस फैसले पर रोक लगाई जाए, जिसमें वे उन शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने की कवायत में जुटी है। इस मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने इन रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर एक हलफनामा दायर किया। सरकार ने हलफनामे में कहा है कि अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को देश में रहने की इजाजत नहीं दी सकती है। हलफनामे में सरकार ने साफ किया है कि ऐसे रोहिंग्या शरणार्थी जिनके पास संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें भारत से जाना ही होगा। 


इसमें कहा गया है कि भारत में अवैध रूप से रह रहे ये रोहिंग्या मुसलमान देश विरोधी हरकतों में लिप्त हैं। इनमें से कई लोग पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठनों के लिए काम करते हैं। ऐसे में इन लोगों का यहां रहना भारत की सुरक्षा के लिए एक खतरा है। 18 पन्नों के इस हलफनामें में सरकार की ओर से कहा गया है कि इनमें से कई लोग मानव तस्करी के धंधे में भी लिप्त हैं। खुफिया एजेंसियों से मिली सूचनाओं के आधार पर इन्हें भारत में शरण देना काफी हानिकारक साबित हो सकता है। केंद्र सरकार के अनुसार, भारत-म्‍यांमार सीमा के जरिए करीब 40 हजार रोहिंग्या भारत में प्रवेश कर चुके हैं। इनमें से अधिकांश जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, दिल्ली, हरियाणा के मेवात इलाके में रह रहे हैं। इन लोगों को इस तरह रहने देना देश की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती होगा। ऐसे में भारत सरकार ने म्यांमार सरकार से अनुरोध किया है कि वह अपने लोगों को वापस बुलाए और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करे। 

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