नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई शुरू होगी। आज मुख्य न्यायाधीश न्यायामूर्ति रंजन गोगोई और न्यायामूर्ति एसके कौल की बेंच इस बात का निर्णय लेगा कि इस मामले की सुनवाई किस तारीख से की जाए। कोर्ट इसकी सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक का भी गठन किया जा सकता है या फिर नई बेंच का गठन भी किया जा सकता है। बता दें कि नई पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई करेगी। बता दें कि इस मामले की सुनवाई पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय पीठ कर रही थी। ताजा जानकारी के अनुसार कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 10 जनवरी तक टल गई है। इसके साथ ही नई बंेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि शुक्रवार को 2 सदस्यीय पीठ के समक्ष विस्तार से सुनवाई की संभावना नजर नहीं आ रही है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 29 अक्टूबर को कहा था कि मामला जनवरी के पहले हफ्ते में इसकी सुनवाई की तारीख तय की जाएगी। इसके बाद हिंदू महासभा ने कोर्ट में अर्जी दायर कर सुनवाई पहले करने का अनुरोध किया लेकिन कोर्ट ने इंकार कर दिया था।
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यहां बता दें कि आज सुनवाई होने से पहले इस पर राजनीति तेज हो गई है। विश्व हिंदू परिषद की ओर से लगातार अध्यादेश लाने की मांग की जा रही है। एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि अगर 2019 चुनाव से पहले मंदिर नहीं बनता है तो यह देश के लोगों से धोखा होगा। वहीं अन्य सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान ने अध्यादेश का विरोध करते हुए कहा कि सभी पक्षों को कोर्ट का आदेश मानना चाहिए।