नई दिल्ली। अमेरिका की हाॅलोकास्ट स्मारक म्यूजियम ने म्यांमार की नेता आन सान सू ची को एक बड़ा झटका दिया है। संग्रहालय ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ चल रहे जातीय संघर्ष को रोकने के लिए कम प्रयास करने का आरोप लगाते हुए उन्हें दिया गया प्रतिष्ठित ‘मानवाधिकार सम्मान’ वापस ले लिया है। बता दें कि देश में तानाशाही शासन व्यवस्था के खिलाफ किए गए संघर्ष और उनके बलिदान के लिए उन्हें 1991 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था।
गौरतलब है कि आन सान सू ची को उसके साहसिक नेतृत्व, म्यांमार के लोगों की आजादी के लिए लड़ने और व्यक्तिगत बलिदान के लिए उन्हें 2011-12 में हाॅलोकास्ट स्मारक संग्रहालय की ओर से ‘एली विसेल पुरस्कार’ दिया गया था लेकिन अब संग्रहालय का कहना है कि सू ची रोहिंग्या मुसलमानों के मामले में सही रुख नहीं अपनाने की वजह से उनसे यह पुरस्कार वापस लिया जा रहा है।
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यहां बता दें कि संग्रहालय ने सू ची को भेजे पत्र में कहा है कि बाकी मामलों की तरह रोहिंग्या मामले में भी सू ची से कार्रवाई की आशा की गई थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यहां तक कि उनके राजनीतिक दल ने संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करने से भी मना कर दिया। इसके बाद ही संग्रहालय ने उनसे पुरस्कार वापस लेने का फैसला लिया है।