नई दिल्ली। माओवादियों द्वारा पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी वाले पत्र ने गृहमंत्रालय की चिंता बढ़ा दी है। देर रात गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा और आईबी चीफ राजीव जैन के साथ बैठक की। राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा एसपीजी की होती है लेकिन राज्य के दौरे पर इसकी जिम्मेदारी राज्य पुलिस की होती है। अब महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई सांप्रदायिक दंगों के बाद पकड़े गए माओवादियों के पास से मिले पत्र के बाद से पीएम की सुरक्षा और कड़ी करने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि माओवादियों के पास से जो पत्र मिला था उसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की तर्ज पर ही पीएम नरेन्द्र मोदी की हत्या की साजिश रचे जाने का खुलासा हुआ था। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और आईबी चीफ के साथ बैठक करने के बाद राजनाथ सिंह ने सभी राज्यों और संबंधित एजेंसियों को पीएम की सुरक्षा को लेकर जरूरी इंतजाम की नए सिरे से समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। यहां बता दें कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी की होती है लेकिन राज्यों के दौरे के दौरान उस राज्य की पुलिस की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है।
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गौर करने वाली बात है कि माओवादियों के पास से मिले पत्र के बाद अब इस बात की समीक्षा की जा रही है कि क्या नक्सलियों में इतनी शक्ति है कि वे एसपीजी के सुरक्षा घेरे में रहने वाले पीएम को निशाना बना सकें। बता दें कि राजीव गांधी की हत्या के बाद एनएसजी के मैंडेट में कई नए क्लॉज जोड़े गए थे ताकि दोबारा ऐसी घटना ना हो सके।