नई दिल्ली।पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव पर आज अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत(आईजीसे) अपना फैसला सुनाएगी। 15 मई को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला भारतीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे सुनाया जाएगा। मामले में भारत की तरफ से पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे हेग पहुंच गए हैं। 15 मई को भारत की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने जिरह की, वहीं पाकिस्तान की तरफ से ब्रिटिश वकील खवर कुरैशी ने अपना पक्ष रखा।
सुनवाई में भारत ने कहा कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने अवैध तरीके से गिरफ्तार किया है और उन पर गलत मुकदमा चलाया गया। वहीं पाकिस्तान ने कहा कि कुलभूषण जाधव बलूचिस्तान में जासूसी करते पकड़े गए हैं। बता दें कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने मार्च 2016 में गिरफ्तार किया था और अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ 8 मई 2017 को भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में अपील की थी, जिसके बाद अदालत ने इस सजा पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
अगर आज भारत सफल रहता है, तो भारत को काउंसिल एक्सेस मिल जाएगी जिससे इस मामले में मदद मिल सकती है। वहीं अगर पाकिस्तान का दावा सही साबित हुआ तो भारत का पक्ष खारिज हो जाएगा और कानूनी मदद कुलभूषण जाधव तक नहीं पहुंच पाएगी।
पाक ने किया विएना संधि का उल्लंघन
भारतीय वकील हरीश साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय अदालत को बताया कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव मामले में विएना संधि का उल्लंघन किया है। उनके खिलाफ ट्रायल बिना जानकारी दिए चलाय गया। साथ ही विएना संधि के तहत भारत को काउंसलर एक्सेस भी नहीं दिया गया और जाधव को न्यायिक मदद भी नहीं दी गई। साथ ही जब भारत ने दिल्ली में पाकिस्तान हाईकमीशन के जरिए कुलभूषण जाधव के चार्जशीट की कॉपी और कानूनी प्रक्रिया की जानकारी मांगी, तो वह भी नहीं दी गई। जाधव से भारतीय राजनयिक के मिलने के आवेदन को 16 बार खारिज कर दिया गया। इतना ही नहीं उनके परिवारवालों को वीजा भी नहीं दिया गया।
जासूसी करते पकड़ा गया जाधव
पाकिस्तान ने अपनी दलील में कहा कि जाधव को जासूसी करते हुए पकड़ा गया है और विएना संधि जासूसों पर लागू नहीं होती। पाकिस्तान ने कहा कि वह इस लायक नहीं है कि उसका काउंसलर एक्सेस दिया जाए। इसके साथ ही पाक ने कहा कि जाधव मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत के दायरे में नहीं आता, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।