नई दिल्ली। पदोन्नति के बाद होने वाले तबादले से बचने की जुगत लगाने वाले कर्मचारियों को ऐसा करना महंगा पड़ सकता है। रेलवे बोर्ड ने कहा है कि ऐसे लोगों को अपनी वरिष्ठता गंवानी पड़ सकती है। बोर्ड की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसी तरकीब अपनाने वालों की पदोन्नति कम से कम एक साल के लिए रोक दी जाएगी। गौर करने वाली बात है कि रेलवे ने साल 2015 में विस्तृत तबादला नीति जारी की थी। इस नीति में कहा गया है कि नियंत्रण अधिकारी वैसे अधिकारियों को जिनका तबादला हो चुका है कि उन्हें 1 महीने के अंदर मुक्त कर दिया जाए।
गौरतलब है कि ऐसा देखा जाता है कि पदोन्नति के बाद एक जोन से दूसरी जोन में ट्रांसफर होने वाले अधिकारी एक समयसीमा के अंदर अपनी जगह पर ज्वाइन नहीं करते हैं। इसके लिए कई बार कोई न कोई वजह बता दी जाती है। समय पर अधिकारियों के ज्वाइन नहीं करने से प्रशासनिक समस्या हो जाती है।
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यहां बता दें कि रेलवे बोर्ड ने पिछले महीने 29 अगस्त को आदेश जारी करते हुए कहा कि स्थानांतरण आदेश के बाद भी उस पर अमल नहीं होने की बढ़ती प्रवृत्ति की वजह से यह फैसला लिया गया है। रेलवे बोर्ड ने सख्त आदेश देते हुए कहा कि तबादला सह पदोन्नति का पालन नहीं करता तो इसे पदोन्नति लेने से इंकार माना जाएगा और उसकी पदोन्नति अगले एक साल के लिए रोक दी जाएगी।