नई दिल्ली। राज्य सभा में सोमवार को अपना पहला भाषण देते हुए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस और सरकार के विरोधियों को आड़े हाथों लिया है। प्रधानमंत्री द्वारा एक इंटरव्यू में पकौड़े वाला का उदाहरण देने के बाद विरोधियों ने उसका खूब मजाक उड़ाया और पकौड़ा बनाने वाले की तुलना भिखारी से कर दी। शाह ने उन लोगों को जवाब देते हुए कहा कि पकौड़ा बनाना कोई शर्म की बात नहीं है बल्कि उसका मजाक उड़ाना शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि मेहनत कर कमाई करने में कोई शर्म कर बात नहीं है। जब एक चाय वाले का बेटा प्रधानमंत्री बन सकता है तो कल पकौड़ा तलने वाला भी उद्योगपति बन सकता है।
गौरतलब है कि अमित शाह ने जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहने पर राहुल गांधी को भी आड़े हाथों लिया, उन्होंने कहा कि गब्बर सिंह एक डाकू था और वह लोगों से जबर्दस्ती टैक्स की वसूली करता था। शाह ने कहा कि कानूनी रूप से टैक्स लेना डकैती है क्या? ये पैसे लोगों की भलाई में जाता है, ऐसे में लोगों को टैक्स न देने के लिए कहना ठीक है क्या?
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यहां बता दें कि अमित शाह ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि उनकी सरकार को विरासत में जो गड्ढे मिले थे उनका ज्यादातर समय तो उसे भरने में ही गया है। सरकार में निर्णय लेने की क्षमता नहीं थी इस वजह से हमारी सेना भी उचित कार्रवाई नहीं कर पाती थी लेकिन अब उसे कार्रवाई करने की खुली छूट दी गई है। शाह ने कहा कि पिछले 6 सालों में जो नहीं हुआ वह सब अब हो रहा है।