नई दिल्ली।
सीमा पर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव व्याप्त है। आए दिन पाकिस्तानी सेना संघर्ष विराम का उल्लंघन कर कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने की कोशिश कर रही है। इन हालातों के बावजूद भारत ने अपना बड़ा दिल दिखाते हुए 11 पाकिस्तानी सैनिकों को रिहा करने का फैसला किया है। इन सैनिकों को सोमवार को रिहा किया जाएगा। यह फैसला कजाकिस्तान के अस्ताना में एससीओ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच अनौपचारिक मुलाकात के बाद लिया गया है।
अधिकारियों ने भारत के इस कदम को गुडविल जेस्चर बताया है, तो पाकिस्तान का कहना है कि इन कैदियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है, इसलिए भारत उन्हें रिहा कर रहा है। बता दें कि कैदियों की यह रिहाई ऐसे समय में हो रही है, जब पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है और इस मामले में दोनों देश अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत (आईसीजे) में आमने-सामने हैं।
कैदियों की रिहाई को लेकर भारतीय अधिकारियों का कहना है कि यह रिहाई मानवीय आधार पर की जा रही है और इसे जाधव मामले में से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुलभूषण जाधव मामले पर पाकिस्तान को लेकर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। सरकार को उम्मीद है कि पाकिस्तान भी अपनी जेलों में बंद भारतीय कैदियों को रिहा कर देगा।
पाक हैं बंद है 132 भारतीय कैदी
आंकड़ों के मुताबिक इस समय पाकिस्तान की जेलों में 132 भारतीय कैदी बंद हैं, जिनमें से 57 कैदी अपनी सजा पूरी कर चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान इन्हें रिहा नहीं कर रहा है। पाकिस्तान का इस मामले में कहना है कि भारत पहले उसकी जेलों में बंद कैदियों की नागरिकता सुनिश्चित करे, तभी उन्हें रिहा किया जाएगा।