नई दिल्ली । भले ही लद्दाख में गतिरोध के बीच दोनों देशों के आला अफसरों की बैठकों का दौर जारी हो , लेकिन इस सबके बीच भारतीय सेना ने लद्दाख में अपना शक्ति परीक्षण करते हुए अपने सबसे घातक टैंकों में से एक T90 भीष्ण टैंक को तैनात कर दिया है । इस टैंक की खासियत यह है कि यह दुनिया के सबसे हल्के टैंकों में शुमार है , जो 60 सेकेंड में 8 गोले दागता है । इतना ही नहीं इसमें 125 एमएम की एक मेन गन भी है । इसी क्रम में इस टैंक से 6 किमी की दूरी से मिसाइल लॉंच की जा सकती है । इसकी लद्दाख के इलाके में तैनाती के बाद भारत ने चीन के साथ जारी गतिरोध में एक मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाई है ।
बता दें कि तिब्बत में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच भारतीय सेना बातचीत की टेबल पर भले ही जो भी कुछ कर रहा हो , लेकिन वह किसी भी खराब स्थिति में अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ रही है । जून के महीने में लद्दाख में इस टी 90 टैंक को उतारने के साथ ही भारतीय फौज ने साफ कर दिया है कि वह इस समय चीन के साथ होने वाली किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है ।
विदित हो कि इस टी90 भीष्ण टैंक में मिसाइल हमले को रोकने का कवच है । इतना ही नहीं यह कई अन्य तरह के हमलों को भी झेलने की क्षमता रखता है । इसका वजन महज 48 टन है , जो दुनिया के सबसे हल्के टैंकों में शुमार है । यह दिन के साथ रात में भी पूरी क्षमता के साथ काम करने में सक्षम है ।
भारतीय सेना के इस रुख पर जानकारों का कहना है कि असल में चीनी सेना इस बार किसी ओर ही इरादे से विवाद कर रही है । असल में चीनी जनरल डोकलाम में मात खाने के बाद अब तिब्बत में कुछ गतिविधियां करके चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नजरों में जगह बनाना चाहता है ।