टेक्सासः लड़की से छेड़छाड़ के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे बंद भारतीय परमाणु वैज्ञानिक ने भारतीय सरकार से मदद की गुहार लगाई है। भारतीय वैज्ञानिक तरुण के भारद्वाज ने टेक्सास के सेंटर में न्याय के लिए अपील की है। तरुण का कहना है कि उन्हें बेवजह फंसाया गया है। एक अखबार की खबर के अनुसार तरुण ने खुद को आरोपी के बजाए पीड़ित बताया है। 38 साल के तरुण पर टेक्सास यूनिवर्सिटी की लड़की से छेड़छाड़ और उसका पीछा करने का आरोप लगा है। तरुण के परिवार ने पीएमओ और विदेश मंत्रालय से मदद की गुहार लगाई है।
नस्लीय भेदभाव के कारण परेशान किया जा रहा
अखबार के मुताबिक, तरुण ने कहा है कि लड़की के साथ छेड़छाड़ एक छोटा आरोप है। असल में उन्हें यहां अलग-अलग तरीकों से परेशान किया जाता है। अमेरिका में नस्लीय भेदभाव होता है और इसी कारण उन पर हाई लेवल के करप्शन के आरोप भी लगाए गए हैं। दूसरी तरफ, अमेरिका में मौजूद भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि उनके खिलाफ पहले भी ऐसे मामले दर्ज हुए हैं और कोर्ट की कार्यवाही पूरी होने के बाद उन्हें भारत वापस भेज दिया जाएगा। तरुण का परिवार पहले ही बुलंदशहर आ चुका है।
2007 में गए थे अमेरिका
तरुण ने भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर से पीएचडी की थी और 2007 में अमेरिका में नौकरी करने चले गए थे। वहीं पर पिछले साल दिसंबर में टेक्सॉस की ए एंड एम यूनिवर्सिटी में उन पर छेड़छाड़ का आरोप लगा। इसके बाद उन्हें यहां से निकाल दिया गया।