नई दिल्लीः कुलभूषण जाधव की फांसी मामले में इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस (आईसीजे) का फैसला मानने से इनकार करने वाले पाकिस्तान के खिलाफ भारत अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का दरवाजा खटखटा सकता है। सुरक्षा परिषद ही अब वह सबसे मजबूत जगह है, जहां से पाकिस्तान पर आईसीजे का फैसला मनवाने का दबाव बनाया जा सकता है। बता दें कि गुरुवार को आईसीजे ने जाधव मामले में फिलहाल भारत के पक्ष में फैसला करते हुए अंतिम फैसला आने तक फांसी पर रोक लगा दी थी। इसके बाद ही पाकिस्तान ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया था।
सुरक्षा परिषद के पास है हल
पाकिस्तान नहीं माना तो भारत इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र के संविधान के मुताबिक इसका हर सदस्य आईसीजे जा सकता है। यही नहीं सुरक्षा परिषद का हर सदस्य आईसीजे का फैसला मानने के लिए प्रतिबद्ध है। यदि कोई सदस्य देश ऐसा नहीं करता है तो दूसरा पक्ष रखने वाला देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मदद ले सकता है। पाकिस्तान के अड़ा रहने की स्थिति में भारत सुरक्षा परिषद से उस पर प्रतिबंध लगाने को कह सकता है।
डिप्लोमैसी भी होगी एक हथियार
सुरक्षा परिषद जाने के अलावा भारत डिप्लोमैटिक लेवल पर भी काम कर सकता है। वह पाकिस्तान पर डिप्लोमैटिक प्रेशर एप्लाई कर सकता है। यहां तक कि उसके साथ राजनयिक संबंधों पर पुनर्विचार भी कर सकता है। फिलहाल भारत ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे रखा है।
पाक का अड़ियल रवैया
इस मामले में पाकिस्तान का कहना है कि वह जाधव के खिलाफ ठोस सबूत पेश करेगा। आईसीजे ने कहा है कि पाकिस्तान ने उसका फैसला नहीं माना तो उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाएंगे, लेकिन वह फिलहाल दबाव में आता नहीं दिख रहा है। पाकिस्तान ने तो यहां तक कह दिया है कि आईसीजे को इस मामले की सुनवाई का भी हक नहीं है।