नई दिल्ली । भारत में रहकर जासूसी करने के आरोप में पाकिस्तानी उच्चायोग के दो वीजा सहायकों को हिरासत में लिया गया है । इन दोनों पर भारतीय सुरक्षा की तैयारियों समेत आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी सूचनाएं जुटाने के आरोप में पकड़ा है । इसके साथ ही उनके एक ड्राइवर को भी पकड़ा गया है । इस घटनाक्रम पर पाकिस्तान के उप राजदूत को इस बारे में एक आपत्तिपत्र भी जारी किया गया है, जिसमें ये सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पाक के राजनयिक मिशन का कोई भी सदस्य भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त न हो और अपनी स्थिति से असंगत व्यवहार न करे ।
बता दें कि मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट (MIU) को इनपुट मिले थे कि पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले आबिद और ताहिर भारतीय सेना के जवानों को निशाना बनाते हैं । वे खुद को भारतीय बताते हुए पहले इन जवानों से दोस्ती करते हैं और फिर इन्हें अपनी साजिश का हिस्सा बनाकर उनसे खुफिया जानकारी जुटाने के प्रयास करते हैं ।
जानकारी के अनुसार , पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI इन दोनों को उन लोगों की लिस्ट देती थी, जिन्हें शिकार बनाया जा सकता है । पिछले कुछ से मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट को इसकी जानकारी लग गई थी , जिसके बाद से इन दोनों पर नजर रखी जा रही थी । इसके बाद मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट इन्हें पकड़ने के लिए अपना ऑपरेशन शुरू किया था और इन पर लगातार नजर रखी जा रही थी ।
ताजा घटनाक्रम में ताहिर और आबिद दोनों मिलकर दिल्ली के करोल बाग इलाके में एक शख्स से जानकारी और कुछ दस्तावेज हासिल करने जा रहे थे । इस दौरान इन्हें रंगों हाथों दबोच लिया गया । इसके लिए बकायदा जाल बिछाया गया था । दोनों को दिल्ली के करोल बाग इलाके में आर्य समाज रोड पर बीकानेर वाला चौक के पास दबोचा गया। दोनों उस दौरान अपनी उच्चायोग की कार में मौजूद थे ।
इस दौरान पूछताछ में आबिद ने भारतीय पुलिस अधिकारियों को बताया कि वह गीता कॉलोनी का रहने वाला है और उसका नाम नासिर गौतम है । उसने पहचान पत्र के तौर पर अपना आधार कार्ड दिखाया । हालांकि इन अफसरों ने उस फर्जी पहचान पत्र को पहचान लिया, क्योंकि 'गौतम' की स्पेलिंग गलत लिखी हुई थी। पूछताछ में दोनों ने कबूला कि दोनों पाकिस्तान के नागरिक हैं और दिल्ली में उच्चायोग में तैनात हैं ।
पूछताछ के दौरान 42 साल के आबिद हुसैन ने बताया कि वह शेखपुरा, पंजाब, पाकिस्तान का रहने वाला है । जबकि 44 वर्षीय मोहम्मद ताहिर ने स्वीकार किया कि वह इस्लामाबाद का है । दोनों वीज़ा अधिकारी के रूप में दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में काम करते हैं । 36 साल के जावेद हुसैन ने भी कबूल किया कि वह पाकिस्तान में भक्कर का निवासी है और उन दोनों के लिए ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था ।
पुलिस ने उनके पास से कुछ दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है ।