नई दिल्ली। भारत के लोगों को अब इंटरनेट की कम स्पीड का सामना नहीं करना पड़ेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार की सुबह सबसे भारी उपग्रह जीसैट-11 का सफल प्रक्षेपण फ्रेंच गुयाना ने किया। इस उपग्रह को एरिएयनस्पेस रॉकेट की मदद से प्रक्षेपित किया गया है। उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो की ओर से बताया गया कि इस उपग्रह की मदद से देश में ब्रॉडबैंड सेवा को और बेहतर बनाने में मदद करेगा। बताया जा रहा है कि पहले इस उपग्रह को मई में ही प्रक्षेपित किया जाना था लेकिन तकनीकी खराबी के कारण इसे प्रक्षेपित नहीं किया जा सका था।
गौरतलब है कि बुधवार की सुबह फ्रांस के फ्रेंच गुयाना स्थित एरियन प्रक्षेपण केन्द्र से भारतीय समयानुसार 2 बजकर 7 मिनट पर छोड़ा गया। एरियन-5 रॉकेट ने बेहद सुगमता से करीब 33 मिनट में जीसैट-11 को उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया। इसरो की ओर से कहा गया कि यह अब तक का सबसे भारी उपग्रह है। इसरो के अनुसार करीब 5,854 किलोग्राम वजन का जीसैट-11 देशभर में ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा। जीसैट-11 अगली पीढ़ी का ‘‘हाई थ्रुपुट’’ संचार उपग्रह है और इसका जीवनकाल 15 साल से अधिक का है।
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यहां बता दें कि इस उपग्रह को सी साल के 25 मई को ही प्रक्षेपित किया जाना था लेकिन तकनीकी खराबी के कारण इसके प्रक्षेपण का समय बदल दिया गया। इसरो के अनुसार, शुरुआत में उपग्रह भू-समतुल्यकालिक स्थानांतरण कक्षा में ले जाया जाएगा और उसके बाद उसे भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा। एरियन-5 रॉकेट, जीसैट-11 के साथ कोरिया एयरोस्पेस अनुसंधान संस्थान (केएआरआई) के लिए जियो-कोम्पसैट-2ए उपग्रह भी लेकर गया है। यह उपग्रह मौसम विज्ञान से संबंधित जानकारी देगा।