नई दिल्ली । जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रों का हॉस्टल फीस वृद्धि के अलावा अन्य मांगों को लेकर गत 29 अक्तूबर से जारी धरना प्रदर्शन बुधवार को भी जारी रहा । लेकिन सरकार ने इन छात्रों के आगे झुकते हुए बुधवार दोपहर बाद छात्रों की मांग मानते हुए यूनिवर्सिटी में पिछले दिनों बढ़ी फीस का एक बड़ा हिस्सा वापस लेने का ऐलान किया । इतना ही नहीं सरकार ने गरीब छात्रों को आर्थिक मदद देने की एक योजना भी प्रस्तावित की है । मंत्रालय की ओर से एक ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी गई। हालांकि छात्रों का प्रदर्शन अपनी मांगों को लेकर दिनों दिन उग्र होता जा रहा था , जिसके चलते बुधवार को एक बार फिर बड़ी संख्या में छात्रों और पुलिस प्रशासन के बीच जंतर मंतर पर गतिरोध नजर आया । वहीं छात्रों को तितर बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा ।
बता दें कि जेएनयू में फीस बढ़ोतरी और हॉस्टल मैनुअल में बदलाव के खिलाफ छात्रों का आंदोलन दिनों दिन बढ़ता जा रहा था । छात्रों ने सोमवार को कैंपस में बड़ा प्रदर्शन किया । प्रदर्शन करने उतरे छात्रों और दिल्ली पुलिस से बीच इस दौरान काफी भिड़ंत हुई । पुलिस ने छात्रों पर पानी की बौछार की, धक्का-मुक्की भी हुई लेकिन छात्र अपने प्रदर्शन और मांगों पर अड़े रहे । वहीं मंगलवार को छात्रों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया । उनका कहना है कि जेएनयू प्रशासन ने छात्रावास, मेस और सुरक्षा फीस में 400 प्रतिशत की वृद्धि की है । जेएनयू प्रशासन के खिलाफ सभी संगठनों के छात्र एकजुट हैं । इसी क्रम में बुधवार को एबीवीपी जेएनयू से यूजीसी भवन तक मार्च निकाले पर अड़ गए । वहीं अन्य छात्र संगठनों ने मंडी हाउस पर बड़ा प्रदर्शन करने की योजना बनाई ।
अभी ये प्रदर्शन जारी ही थे कि सरकार की ओर से सभी बढ़ी हुई फीस वापस लेने का ऐलान कर दिया गया । हालांकि छात्रों ने इस दौरान आरोप लगाए थे कि जेएनयू प्रशासन उनकी बातें सुनने को तैयार नहीं है।
वहीं , जेएनयू प्रशासन का दावा है कि हॉस्टल के चार्ज में 19 साल के बाद इजाफा किया गया है ।जेएनयू के नए मैनुअल के मुताबिक अब विजिटर्स को रात 10:30 के बाद हॉस्टल से निकलना होगा । वहीं हॉस्टल के नियमों का पालन न करने पर 10,000 रुपये के फाइन लगाने का भी प्रस्ताव रखा गया था ।