नई दिल्ली। यौन आरोपों में जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद कथित आध्यात्मिक गुरु आसाराम को बुधवार को जोधपुर की निचली अदालत ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने माना है कि आसाराम ने ही नाबालिग से बलात्कार किया था। कोर्ट ने आसाराम के साथ, शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता(सेविका), शरदचंद्र उर्फ शरतचंद्र को भी दोषी करार दिया है। वहीं शिवा उर्फ सवाराम (आसाराम का प्रमुख सेवादार), प्रकाश द्विवेदी (आश्रम का रसोइया) को बरी कर दिया है। कोर्ट ने माना है कि आसाराम ने ही नाबालिग से बलात्कार किया था। राजस्थान पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए अनुरोध किया था कि आज ही सजा पर फैसला सुना दिया जाए।
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गौरतलब है कि आसाराम पर उनके आश्रम में आने वाली लड़कियों ने ही यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इस वजह से आसाराम के साथ-साथ उनके बेटे नारायण साईं भी जेल गए। आसाराम 2013 से जेल में हैं, तब से लेकर अब तक केस में काफी कुछ हुआ है। आसाराम के खिलाफ कई गवाहों की हत्या भी करा दी गई थी। बताया जा रहा है कि राजनीतिक पहुंच की वजह से आसाराम आरोपों से बचते रहे हैं। यहां बता दें कि फैसला आने के बाद किसी तरह की हिंसा न हो इसके लिए पूरे जोधपुर शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। शहर में आने वाली सभी गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है। वहीं जोधपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस का घुडसवार दस्ता पूरी तरह से अलर्ट है और ड्रोन से भी स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।