नई दिल्ली । कांग्रेस में सत्ता के लिए साथ आए जेडीएस और कांग्रेस ने एकजुटता दिखाते हुए शनिवार को भाजपा सरकार को तो सत्ता से दूर कर दिया लेकिन अब दोनों दलों के विधायकों के बीच कुछ चिंगारी उठती नजर आ रही है। इस चिंगारी का कारण राज्य में उप मुख्यमंत्री गठित करने को लेकर जारी मंथन है। असल में सीएम उम्मीदवार कुमार स्वामी जहां उप मुख्यमंत्री के पद पर किसी मुस्लिम को लाना चाहते हैं, वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस के लिंगायत समुदाय के विधायकों के सुर बिगड़ गए हैं। इन विधायकों की मांग है कि राज्य में उपमुख्यमंत्री लिंगायत समुदाय का होना चाहिए। हालांकि दलित समुदाय के नेता को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की रेस में कांग्रेसी नेता पी. परमेश्वर का नाम भी चल रहा है। इस सब के चलते अब दोनों दलों के बीच कुछ तनातनी नजर आ रही है।
लिंगायत नेता तिप्पाना ने लिखा खुला खत
असल में भाजपा को सत्ता से दूर करने की रणनीति में कामयाब होने के बाद अब सत्ता के इर्दगिर्द नजर आ रहे कांग्रेसी और जेडीएस विधायकों के बीच भी कुछ गतिरोध की खबरें हैं। इस सब की एक झलक तब नजर आई जब लिंगायत समुदाय के संगठन अखिल भारत वीरशैव महासभा के नेता तिप्पाना ने खुला खत लिखकर कांग्रेस विधायक शमनूर शिवशंकरप्पा को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की। तिप्पाना ने कहा कि भाजपा में जाने का भी उन्हें ऑफर मिला था लेकिन वो कांग्रेस पार्टी छोड़कर नहीं गए। ऐसे में पार्टी उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाए। ऐसा इसलिए भी क्योंकिन उन्होंने भाजपा नेता को हराया है और वह अखिल भारत वीरशैव महासभा के वे राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
भाजपा की थी इन विधायकों पर नजर
असल में भाजपा के येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ लेने के साथ ही बहुमत साबित करने के लिए कांग्रेस के इन नेताओं पर अपनी नजर बनाई हुई थी। बहुमत साबित करने के लिए येदियुरप्पा को भरोसा था कि ये विधायक लिंगायत समुदाय के पक्ष में खड़े नजर आएंगे। उस दौरान खबरें थी किं कांग्रेस के लिंगायत नेता वोक्कलिगा समुदाय से आने वाले जेडीएस नेता कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री पद देने से खासे नाराज थे । यही कारण था कि येदियुरप्पा को भी इन विधायकों को भाजपा के पक्ष में आने की उम्मीद थी, जो पूरी नहीं हुई।
लिंगायत समुदाय के हैं 18 कांग्रेसी विधायक
बता दें कि 224 विधानसभा सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के 18 विधायक ऐसे हैं जो लिंगायत समुदाय के हैं। सूत्रों के अनुसार, ऐसे में अब इन विधायकों ने राज्य में उपमुख्यमंत्री के पद पर लिंगायत समुदाय के नेता को चुनने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। हालांकि कुमार स्वामी मुस्लिम समुदाय के किसी विधायक को उपमुख्यमंत्री पद देने के पक्ष में नजर आ रहे हैं।