नई दिल्ली । कर्नाटक का नाटक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सत्ता पर काबिज होने के लिए जहां भारतीय जनता पार्टी अपने सभी दांव पेच चलने को तैयार है, वहीं राजभवन द्वारा सरकार बनाने के लिए भाजपा को न्योता दिए जाने की संभवनाएं देखते हुए बुधवार शाम जेडीएस के विधायकों ने राजभवन के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान जेडीएस ने दावा किया किया कि उनके सभी 38 विधायक उनके साथ है। उनका कोई भी विधायक भाजपा के समर्थन में नहीं गया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को ले जाने के लिए एक बस पार्टी मुख्याख्य के बाहर खड़ी कर दी है। इस दौरान खबर आई है कि हंगामा करते जेडीएस समेत कांग्रेस के मिलाकर 10 विधायकों को राजभवन में जाने की अनुमति मिल गई। बाहर आने के बाद कुमार स्वामी ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद उन्हें अपने 115 विधायकोें को समर्थन और हस्ताक्षर वाली चिट्ठी सौंप दी है। उन्होंने बताया कि हमने राज्यपाल से कहा कि सबसे बड़ा गठबंधन होने के नाते हमे सरकार बनाने का न्योता मिलना चाहिए।
बता दें कि बुधवार शाम एकाएक कर्नाटक की राजनीति में एक नया नाटक शुरू हो गया। एकाएक जेडीएस के विधायकों ने राजभवन के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालांकि ऐसी किसी भी आशंका के मद्देनजर राजभवन के बाहर पहले से ही काफी सुरक्षा बल को तैयार किया गया था। इस दौरान विधायकों ने राजभवन में घुसने की कोशिश भी की, जिन्हें सुरक्षा बलों ने रोका। हालांकि इस प्रदर्शन में कांग्रेसी विधायकों के आने की बातें कहीं गईं लेकिन देर तक उनके नहीं आने पर बाद में जेडीएस के नेता कुमार स्वामी और कांग्रेस के कुछ नेता राज्यपाल से मिलने पहुंच गए हैं।
कांग्रेस और जेडीएस के 10 विधायकों को राजभवन के अंदर जाने की अनुमित मिली है। अब कहा जा रहा है कि जेडीएस के नेता कुमार स्वामी और कांग्रेसी नेता परमेश्वर कुछ अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने के लिए पहुंच गए हैं। इन लोगों का कहना है कि सबसे बड़ा गठबंधन होने के नाते और पूर्ण बहुमत का आंकड़ा होने के नाते उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया जाए। उन्होंने भाजपा पर भी सरकार बनाने के लिए जेडीएस-कांग्रेस को विधायकों को धमकाने और उन्हें रुपयों का लालच दिए जाने की बातों को भी राज्यपाल से अवगत कराने की रणनीति बनाई है।
इस सब के बीच खबर ये भी है कि कांग्रेस के विधायक में सेंध लग गई है। कांग्रेस ने माना कि उनके 78 में से 75 विधायक उनके फैसले में उनके साथ है। हालांकि शेष 3 विधायकों को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस के फैसले से नाराज जिन विधायकों पर भाजपा की नजर थी, वह अब भाजपा के खेमें में चले गए हैं, जिनके बल पर भाजपा भी सरकार बनाने का दावा कर रही है। हालांकि जेडीएस के भी 2 ऐसे विधायकों के बारे में कहा जा रहा है कि वे भी भाजपा के संपर्क में बने हुए हैं और समय आने पर उनके साथ खड़े नजर आएंगे।