नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन वाली सरकार के गिरते ही पीडीपी के विधायकों और नेताओं को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। ये नेता अब एक बार फिर से कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस में जाने का मन बनाने लगे हैं। गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के कई पूर्व विधायक 2014 से पहले पीडीपी में शामिल हुए थे। वह अब घर वापसी की राह पर दिख रहे हैं।
गौरतलब है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद के विचारों और उनकी बेहतर प्रशासनिक कुशलता के कारण कश्मीर और जम्मू के डोडा, पुंछ क्षेत्र के कई नेताओं ने पीडीपी का हाथ थामा था। महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में अब इन नेताओं को अपना कोई भविष्य नहीं दिख रहा है। वर्ष 2016 में पीडीपी के श्रीनगर की संसदीय सीट खोने के बाद से ही पत्थरबाजी और आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।
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यहां बता दें कि पार्टी के नाराज नेताओं को एकजुट रखना महबूबा मुफ्ती के लिए एक बड़ी चुनौती है। गठबंधन की सरकार चलने की वजह से जो नेता साथ दे रहे थे वे सरकार गिरने के बाद से गुपचुप तरीके से कांग्रेस और नेकां से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। फिलहाल कोई भी विधायक खुलकर पार्टी छोड़ने की बात नहीं कर रहा है लेकिन अंदरखाने वे भविष्य के लिए अपने राजनीतिक समीकरण बिठाने में जुट गए हैं।